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इस्लामिक देश इंडोनेशिया में अजान के लाउडस्पीकर्स की आवाजें कम करने का फैसला, जर्मनी में भी अजान का विरोध
जकार्ता। इंडोनेशिया ने लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए बड़ा फैसला किया है। मुस्लिम राष्ट्र इंडोनेशिया ने अजान करने वाले लाउडस्पीकर्स की आवाज घटाने का निर्णय लिया है। तेज आवाज से लोगों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए देश के मस्जिद परिषद ने फैसला लिया है। दरअसल, अजान या किसी तरह से मस्जिद का विरोध ईशनिंदा की श्रेणी में आता है लेकिन यहां स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ने से मस्जिद परिषद ने खुद आगे आकर फैसला लिया है। कुछ दिन पहले एक व्यक्ति के शिकायत करने पर हजारों की संख्या में लोगों ने उस अपार्टमेंट को घेर लिया था। आलम यह कि सेना बुलानी पड़ी थी।
| Published : Oct 20 2021, 03:14 PM IST
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मस्जिद परिषद ने खुद की पहल ताकि लोगों को न हो परेशानी
मस्जिदों पर लगे अजान के लिए लाउडस्पीकर्स की आवाज कम करना पूरी तरह से कमेटी का निर्णय है। जकार्ता की अल-इकवान मस्जिद के चेयरमैन अहमद तौफीक ने बताया कि लाउडस्पीकर्स की आवाज कम करना स्वैच्छिक है। हम सामाजिक सौहार्द बनाए रखना चाहते हैं। बता दें कि मस्जिद परिषद की पहल के बाद अब हजारों मस्जिदों के लाउडस्पीकर्स की आवाज कम हो गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि अब मस्जिदों के आसपास रहने वाले लोगों की शिकायतें भी दूर हो गई है।
दरअसल, अजान के लाउडस्पीकर्स की तेज आवाज को लेकर तमाम लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। तमाम आनलाइन शिकायतें भी मिली थीं। ऑनलाइन शिकायतों की संख्या भी बढ़ गई थी।
लोगों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि लाउडस्पीकर्स की तेज आवाज से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। लोगों में डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन और अनिद्रा की दिक्कतें बढ़ रही है।
देश के साढ़े सात लाख लाउडस्पीकर्स को ठीक कराया जा रहा
मस्जिद परिषद के अध्यक्ष यूसुफ काल्ला ने बताया कि देश की 7.5 लाख से ज्यादा मस्जिदों में से ज्यादातर का साउंड सिस्टम ठीक नहीं है। अजान की आवाज तेज आती है, ऐसे में परिषद ने 7 हजार टेक्निशियंस को काम पर लगाया और देश की लगभग 70 हजार मस्जिदों के लाउडस्पीकर्स की आवाज कम की है। यूसुफ का कहना है कि इसके लिए कमेटी भी बनाई गई है। परिषद के समन्वयक अजीस का कहना है कि अजान की तेज आवाज इस्लामिक परंपरा है, ताकि आवाज दूर-दराज तक जाए।
ईशनिंदा कानून से भी कम शिकायतें सामने आई
इंडोनेशिया में ईशनिंदा कानून है। अजान के लाउडस्पीकर्स का विरोध करने पर लोगों पर ईशनिंदा का कानून भी लागू हो सकता है। अजान की तेज आवाज के विरोध पर 4 बच्चों की मां को डेढ़ साल की सजा हो चुकी है। यही नहीं कुछ दिनों पहले जकार्ता में कुछ लोगों ने तेज आवाज की शिकायत की, तो हजारों लोगों की भीड़ ने उनके अपार्टमेंट को ही घेर लिया था और तब बचाव के लिए सेना बुलानी पड़ी थी।
जर्मनी में भी लाउडस्पीकर से अजान का विरोध
यही नहीं जर्मनी में भी लाउडस्पीकर से अजान का विरोध मुखर हो चुका है। देश के बड़े शहरों में शुमार कोलोन में भी लोग मस्जिद में अजान के लिए लगे लाउडस्पीकर का विरोध कर रहे हैं। यहां पिछले शुक्रवार को मेयर ने लाउडस्पीकर का विरोध की थीं। लेकिन इस मंजूरी के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
एएफडी पार्टी के उप प्रवक्ता मैथियस बुशग्स ने आरोप लगाया कि जर्मनी के इस्लामीकरण की कोशिश की जा रही है। यहां ईसाई देश को इस्लामिक देश के रूप में पेश किया जा रहा है। कोलोन में 1.2 लाख मुस्लिम रहते हैं, यह शहर की कुल आबादी का 12% हैं।
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