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म्यांमार की 'ड्रीम स्टोन' यानी मौत की खदानें; भूस्खलन में मारे जाते हैं बड़ी संख्या में लोग, चीन लेता है लाभ
यांगून. उत्तरी म्यांमार(Myanmar) में एक जेड खदान(jade stone) में 22 दिसंबर की सुबह करीब 4 बजे भूस्खलन(Landslide) की घटना ने एक बार यहां के गरीब मजदूरों की दुर्दशा की ओर ध्यान खींचा है। इस हादसे में 100 से अधिक लोग लापता हैं। आशंका है कि इनमें से कइयों की मौत हो गई है। हादसा काचिन राज्य में हुआ। यहां जेड स्टोन की कई खदाने हैं। बता दें कि जेड स्टोन एक कीमती रत्न(Gemstone) है। फरवरी, 2021 में सेना द्वारा तख्तापलट के बाद शासन अपने हाथों में लेने के बाद से यहां संघर्ष छिड़ा हुआ है। दूसरा, कोरोनो वायरस महामारी(coronavirus pandemic) के चलते देश आर्थिक संकट अलग से गहराया हुआ है। जेड खदानों में बड़ी संख्या में मजदूर काम करते हैं। यहां भूस्खलन आम बात है। यहां से निकले कीमत रत्न ज्यादातर चीन को निर्यात होते हैं।
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काचिन नेटवर्क डेवलपमेंट फाउंडेशन(Kachin Network Development Foundation) के एक अधिकारी ने कहा कि काचिन राज्य के हपकांत इलाके में भूस्खलन सुबह करीब 4 बजे (मंगलवार पूर्वी शाम 4:30 बजे) हुआ। ऐसी आशंका है कि लगभग 80 लोग खनन कचरे से झील में बह गए हैं।
मिज्जिमा समाचार पोर्टल और खित थित मीडिया(Mizzima news portal and Khit Thit media) ने बताया कि हपाकांत में हुई घटना में दर्जनों लोग लापता हैं, जो म्यांमार के गुप्त जेड उद्योग का केंद्र है। पिछले हफ्ते भी यहां भूस्खलन में छह लोगों की मौत हो गई थी।
बताया जाता है कि हपाकांत(Hapakant) स्थित खदानों में लैंडस्लाइड होना आम बात है। यहां से निकलने वाले रत्न(gems) ज्यादातर चीन को निर्यात किए जाते हैं। इन रत्नों की तलाश में म्यांमार भर से गरीब मजदूर यहां खदानों में काम करने आते हैं।
फरवरी, 2021 में म्यांमार में सेना द्वारा तख्तापलट के बाद म्यांमार में संघर्ष जारी है। वहीं, कोरोनो वायरस महामारी(coronavirus pandemic) के चलते देश आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में जेड खदानों में काम करने वालों की संख्या बढ़ गई है।
नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू(जिन्हें सेना ने हटा दिया) की सरकार ने 2016 में सत्ता संभालने के बाद उद्योग को बढ़ावा देने का वादा किया था करने का वादा किया था, लेकिन देश में कुछ खास बदलाव नहीं आया है। पिछले साल जुलाई में हपाकांत में एक झील में खनन कचरे के गिरने से 170 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से कई प्रवासी थे।
बता दें कि म्यांमार दुनिया के 90 प्रतिशत जेड का उत्पादन करता है। अधिकांश हपकांत से आते हैं, जहां अधिकार समूहों का कहना है कि सैन्य अभिजात वर्ग(military elites) और जातीय सशस्त्र समूहों(ethnic armed groups) के लिंक वाली खनन कंपनियां सालाना अरबों डॉलर कमाती हैं।
क्या है जेड स्टोन (jade stone)
जेड स्टोन को ब्यूटी इंडस्ट्री में काफी पसंद किया जाता है। जेड स्टोन एक तरह का 'ड्रीम स्टोन' कहलाता है। कहते हैं कि यह सपनों को पॉजिटिव एनर्जी देता है। जेड स्टोन कई रंगों में पाए जाते हैं। हरा, पीला, लाल, काला, सफेद, ट्रांसपेरेंट, ग्लास टाइप आदि। ये इंसान की पर्सनालिटी, कॉन्फिडेंस और आत्मनिर्भरता को बढ़ाते हैं।
ये तस्वीर म्यांमार के जेड स्टोन खदान में भूस्खलन के बाद की स्थिति को दिखाती है। बचाव कार्य में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
खदान धंसकने से बड़ी संख्या में श्रमिक मिट्टी में दब गए। उन्हें निकालने के लिए बड़ी संख्या में रेस्क्यू टीम बुलानी पड़ी।