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अच्छी खबर: इजरायल-इटली के बाद अब इस देश ने खोजी वैक्सीन, कोरोना वायरस को खत्म करने में होगी मददगार
कोपेनहैगन. कोरोना वायरस को मात देने के लिए दुनिया के तमाम देशों के वैज्ञानिक जुटे हैं। इजरायल, इटली के बाद अब नीदरलैंड्स से अच्छी खबर आ रही है। यहां वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है। यहां वैज्ञानिकों द्वारा एंटीबॉडी की खोज कर ली गई है, यह कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकती है। खास बात यह है कि एंडीबॉडी कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन पर प्रहार करती है। यह उसे ब्लॉक करती है। इससे कोरोना शरीर में संक्रमण नहीं फैला पाता।
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नीदरलैंड्स के वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोरोना वायरस शरीर में स्पाइक प्रोटीन से कोशिकाओं पर प्रभाव डालता है। संक्रमित होने के बाद वायरस स्पाइक प्रोटीन को बढ़ाता है, इससे संक्रमित व्यक्ति की हालत नाजुक होती जाती है।
नीदरलैंड्स यूट्रेच्ड यूनिवर्सिटी ने जिस एंटीबॉडी को खोजा है, उसे 47D11 नाम दिया गया है। एंटीबॉडी को चूहों पर प्रयोग कर बनाया गया है।
मददगार साबित होगी एंटीबॉडी: शोध के मुताबिक, चूहों पर जब ये एंटीबॉडी दी गई तो इससे कोरोना का प्रोटीन ब्लॉक हो गया और संक्रमण का असर कम हुआ। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह एंटीबॉडी कोरोना के इलाज में मददगार साबित होगी।
नीदरलैंड्स से पहले इजरायल और इटली भी दवा बनाने का दावा कर चुके हैं। हाल में इटली ने भी एंटीबॉडी विकसित करने का दावा किया है। यहां सरकार ने दावा किया है कि जिस वैक्सीन को बनाया गया है, वह मानव कोशिका में मौजूद कोरोना वायरस को खत्म कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रोम की संक्रामक बीमारी से जुड़े स्पालनजानी हॉस्पिटल में टेस्ट किया गया है और चूहे में एंटी बॉडीज तैयार किया गया। इसका प्रयोग फिर इंसान पर किया गया और इसने अपना असर दिखाया।
रोम के लजारो स्पालनजानी नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर इन्फेक्शन डिजिज के शोधकर्ताओं ने कहा कि जब इसका इस्तेमाल इंसानों पर किया गया तो देखा गया कि इसने कोशिका में मौजूद वायरस को खत्म कर दिया। यह यूरोप का पहला अस्पताल है जिसने कोविड-19 के जीनोम सीक्वंस को आइसोलेट किया था।
वैज्ञानिकों ने एक चूहे पर वैक्सीन का टेस्ट किया। पहले वैक्सीन के बाद ही चूहे के भीतर एंटीबॉडीज़ तैयार हुआ जिसने वायरस को कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोक दिया। इस तरह पांच अलग अलग वैक्सीन के इस्तेमाल से बहुत सारे एंटीबॉडीज तैयार हुए जिसमें सबसे बेहतर परिणाम देने वाले दो एंटीबॉडीज को शोधकर्ताओं ने चुना। इस वैक्सीन का गर्मियों के बाद इंसानों पर प्रयोग किया जा सकेगा।
इजरायल ने भी किया है दावा
इससे पहले इजरायल के रक्षा मंत्री नफताली बेन्नेट ने दावा किया कि उनके देश के डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने कोरोना वायरस का टीका बना लिया है। उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट ने कोरोना वायरस के एंटीबॉडी को तैयार करने में बड़ी सफलता हासिल की है।
इजरायल के गोपनीय लैब में बना वैक्सीन
रक्षा मंत्री बेन्नेट ने बताया कि कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास का चरण अब पूरा हो गया है और शोधकर्ता इसके पेटेंट और व्यापक पैमाने पर उत्पादन के लिए तैयारी कर रहे हैं।
अमेरिका ने रेमडेसिवीर को माना मददगार
अमेरिका में इबोला वायरस के मरीजों के लिए बनाई गई रेमडेसिवीर दवा कोरोना के संक्रमण को रोकने में मददगार साबित हुई है। इसके साथ ही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
अमेरिका में जिन लोगों को रेमेडेसिविर दवा दी गई उन्हें औसतन 11 दिन में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इससे पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के एंथनी फॉसी ने बताया था कि यह दवा गंभीर रूप से बीमार कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में कारगर होगी।
दुनिया में 115 जगहों पर हो रही वैक्सीन की खोज दुनिया में अब तक 6 जगहों पर वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रॉयल चल रहा है। अमेरिका और ब्रिटेन में इंसानों पर वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। वहीं चीन ने भी वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रॉयल शुरू कर दिया है। जबकि दुनिया में 115 जगहों पर वैक्सीन की खोज हो रही है। हालांकि ये माना जा रहा है कि वैक्सीन बनने में एक से डेढ़ साल का वक्त लग सकता है।
दुनिया में कोरोना वायरस: कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अब तक दुनिया में 39 लाख लोग संक्रमित पाए गए हैं। 2 लाख 70 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 13 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। अमेरिका, स्पेन, इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, ब्राजील सबसे संक्रमित देशों में से हैं।