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पाकिस्तान: डॉक्टरों की चेतावनी, रमजान में मस्जिद खोलना घातक साबित होगा, आ सकती है तबाही
इस्लामाबाद. पाकिस्तान की सरकार ने रमजान में कुछ प्रतिबंधों के साथ मस्जिद खोलने का फैसला किया है। साथ ही यहां मस्जिदों में सामूहिक नमाज की अनुमति भी दी गई है। लेकिन यहां के डॉक्टरों ने इस फैसले का विरोध किया है। पाकिस्तान के वरिष्ठ डॉक्टरों ने चेतावनी दी है, अगर मस्जिदें खुली रखी गईं तो यह कोरोना के चलते यह काफी घातक साबित हो सकता है। इससे देश को बुरे परिणाम भुगतने होंगे। डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री इमरान खान और राष्ट्रपति आरिफ आल्वी को पत्र लिखकर रमजान में मस्जिदों को खोलने और उनमें सामूहिक नमाज की अनुमति देने के फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है।
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इस पत्र में उलेमा और बिजनेस समुदाय को भी संबोधित किया गया है। साथ ही सामुहिक नमाज की अनुमति के फैसले का डॉक्टरों द्वारा विरोध भी किया गया है।
पाकिस्तान में कोरोना वायरस के अब तक 10 हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। वहीं, 212 लोगों की मौत हो चुकी है।
राष्ट्रपति आल्वी ने इस हफ्ते उलेमाओं के साथ बैठक की थी। इसके बाद उन्होंने मस्जिदों को खोलने और उनमें सामुहिक नमाज की इजाजत देने का फैसला किया।
उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार और ना ही मौलवी किसी नागरिक को मस्जिद में आने और नमाज करने से रोकेंगे। लेकिन मस्जिदों में सोशल डिस्टेंसिंग समेत तमाम नियम मानने होंगे।
पाकिस्तान में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए यह चौंकाने वाला फैसला है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को चेतावनी दी कि अगर मौलवियों और सरकार द्वारा तय नियम नहीं माने गए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इमरान ने कहा, मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे घर पर प्रार्थना करें। लेकिन अगर वे मस्जिद में जाना चाहते हैं, तो उन्होंने 20 नियमों का ध्यान रखना होगा और उनका पालन करना होगा।
इमरान ने कहा, अगर मस्जिदों में ये नियम नहीं माने गए तो हम कड़ी कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
वहीं, जब इमरान खान से पूछा गया कि जहां दूसरे मुस्लिम देशों ने मस्जिदें बंद रखने का फैसला किया है, इस पर उन्होंने कहा, पाकिस्तान एक स्वतंत्र देश है। यहां लोगों को राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी राय रखने का अधिकार है।
डॉक्टरों का इस पर अलग विचार है। वे मस्जिदों में नमाज की इजाजत के फैसले से खुश नहीं हैं।
डॉक्टरों ने अपनी अपील में कहा है कि देश भर की मस्जिदों में 50 साल से अधिक उम्र के लोग इकट्ठा होंगे, इससे वायरस फैलने का खतरा अधिक है।
साथ ही डॉक्टरों ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान के लोगों का इम्यून सिस्टम वायरस से ज्यादा मजबूत नहीं है।
पाकिस्तान में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है। लेकिन रमजान के चलते यहां बाजारों में भीड़ देखने को मिल रही है। लोग बड़ी संख्या में बाजार में खरीददारी के लिए आ रहे हैं।
यहां मस्जिदों को सैनिटाइज किया जा रहा है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार कितने भी प्रयास कर ले, लेकिन सामूहिक नमाज के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना मुश्किल होगा।