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हूती विद्रोहियों पर UAE का फूटा गुस्सा, लगातार एयरस्ट्राइक जारी, 300 से अधिक मौतें; खंडहर होता मुल्क
वर्ल्ड न्यूज डेस्क. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी आबू धाबी (Abu Dhabi) में हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) द्वारा किए गए हमले के बाद यमन पर लगातार बमबारी की जा रही है। हूती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाकर की जा रही इस एयर स्ट्राइक में बड़ी संख्या में आम नागरिकों की भी मौत हो रही है। सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन की चौथे दिन भी एयरस्ट्राइक जारी रही। हूती विद्रोहियों का आरोप है कि सऊदी अरब की सेना ने यमन के उत्तरी सादा प्रांत एक डिटेंशन सेंटर पर 59 से अधिक हवाई हमले किए। इस हमले में 77 लोगों की मौत हुई, जबकि 146 लोग घायल हुए। सादा हूती विद्रोहियों का गढ़ माना जाता है। हालांकि सऊदी अरब इससे इनकार कर रहा है। सोशल मीडिया पर आ रही खबरों के हिसाब से यमन में मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई है। इनमें बड़ी संख्या में बच्चे भी हैं।
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सऊदी अरब गठबंधन 2015 से हूती विद्रोहियों से लड़ता आ रहा है। लंबे समय से चले आ रहे इस खूनी संघर्ष में शुक्रवार को अचानक नाटकीय मोड़ आ गया और दनादन हमले शुरू हो गए। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस(UN chief Antonio Guterres) ने हमलों की निंदा की है।
यमन का गृहयुद्ध 2014 में शुरू हुआ, जब हूती सादा में अपने बेस से राजधानी सना पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़े थे। इसके बाद सऊदी के नेतृत्व वाली सेना को सरकार का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।
3 जनवरी को हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में संयुक्त अरब अमीरात के झंडे वाले जहाज का अपहरण कर लिया था। इससे मामला और बिगड़ गया।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी आबू धाबी (Abu Dhabi) में हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) द्वारा किए गए हमले ने इस लड़ाई में घी डालने का काम किया और अब सऊदी अरब सेना हूती विद्रोहियों पर एयरस्ट्राइक कर रही है।
शिया इस्लाम को मानने वाले हूती विद्रोहियों का उत्तरी यमन के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा है। ये इस इलाके में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा का विरोध करते हैं। 2015 से यमन में हूती संघर्ष जारी है।
2015 में हूतियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था और राष्ट्रपति अब्दरबू मंसूर हादी को देश छोड़कर भागना पड़ा था। अभी उत्तरी यमन के ज्यादातर हिस्सों पर हूतियों का कब्जा है। सऊदी अरब शुरुआत से ही हादी समर्थक रहा है। 2015 में सउदी की अगुआई वाली गठबंधन सेना ने हूती विद्रोहियों पर कई हवाई हमले भी किए थे।
हूती विद्रोहियों को बढ़ावा देने में ईरान का नाम भी सामने आता है। ईरान और हूती विद्रोही दोनों शिया इस्लाम को मानते हैं। इस जुड़ाव की वजह से ईरान पर आरोप लगाते हैं कि वह हथियार और पैसे देकर इनकी मदद करता है। सितंबर 2019 में हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के दो तेल संयंत्रों पर हमला करने का दावा किया था, जिससे पूरी दुनिया के तेल बाजार पर असर पड़ा था।