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जिस मलाला को UN ने कहा- हैपी बर्थ-डे, उसकी इस तस्वीर पर पाकिस्तान में जानें क्यों मचा है बवाल
मलाला यूसुफजई को कौन नहीं जानता? पाकिस्तान में 12 जुलाई, 1997 का जन्मीं मलाला दुनियाभर में लड़कियों के साहस की एक मिसाल हैं। लेकिन जब ये लड़की अपना जन्मदिन मना रही थी, तब पाकिस्तान में उसके खिलाफ सरकार और लोगों के स्तर पर विरोध चल रहे थे। सामाजिक कार्यकर्ता मलाला युसूफजई को पाकिस्तान की एक महत्वूपर्ण शख्सियत बताने पर वहां की पंजाब सरकार नाराज है। सरकार ने PCTB की उस किताब को जब्त कर लिया है, जिसमें मलाला की तस्वीर छापी गई है। वहीं, मलाला पर बनाई गई एक डाक्यमेंट्री का भी कट्टरपंथी विरोध कर रहे हैं। बता दें कि मलाला सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। उन्हें यह पुरस्कार 17 साल की उम्र में भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ सामूहिक तौर पर मिला था। उन्हें पश्चिम पाकिस्तान के प्रांत खैबर पख्तूनख्वा की स्वात घाटी में महिलाओं और बच्चों की शिक्षा और मानवाधिकार की लड़ाई लड़ने वालों में जाना जाता है।
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मलाला को नीचा दिखाने पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने जिस किताब को जब्त करने का आदेश दिया है, उसमें वहां की कई शख्सियतों के बारे में छापा गया है। किताब में 1965 भारत-पाक युद्ध में मारे गए सैन्य अधिकारी मेजर अजीज भट्टी, पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना, शायर अल्लामा इकबाल, शिक्षाविद सर सैयद अहमद खान, पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान और अब्दुल सत्तार एधि का भी जिक्र है।
मलाला के बयानों से नाराज हैं कट्टरपंथी
मलाला यूसुफजई दुनियाभर में लड़कियों की शिक्षा के प्रचार-प्रसार के अलावा शांति का पैगाम भी देती हैं। उन्होंने ऑनलाइन एक पेज भी बनाया हुआ है-मलाला फंड। इसके जरिये वे लड़कियों की शिक्षा के लिए फंड जुटाती हैं। पाकिस्तान के कट्टरपंथी हाल में इस्लाम पर उनके दिए बयानों से नाराज हैं। मलाला कट्टरपंथी इस्लाम पर बयान देती रहती हैं।
13 जुलाई को यूनाइटेड नेशन(UN) के जनरल सेकेट्री एंटोनियो गुटरेसे(António Guterres) ने एक मलाला के साथ अपना एक फोटो शेयर किया है। गुटरेसे ने मलाला को जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा कि दुनियाभर में लड़कियों की शिक्षा के लिए आपके काम और प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद। इसके लिए आपके निरंतर समर्थन के लिए भी धन्यवाद। गुटरेसे ने मलाला को सबसे कम उम्र की शांति दूत बताया।
मलाला के खिलाफ पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठनों ने अभियान छेड़ा हुआ है। वे मलाला पर इस्लाम विरोधी होने का आरोप लगाते रहते हैं। कई स्कूल संगठनों ने एक वीडियो जारी करके मलाला को इस्लाम विरोधी बताने का प्रयास भी किया है।
मलाला पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वे इस्लाम और निकाह के खिलाफ पश्चिमी देशों के एजेंडे पर काम कर रही हैं।मलाला यूसुफजई को भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ सामूहिक तौर पर नोबेल प्राइज मिला था। लेकिन अब पाकिस्तान में उनके खिलाफ डॉक्यूमेंट्री जारी की गई है।
बता दें कि यह पुस्तक पंजाब पाठ्यचर्या और पाठ्यपुस्तक बोर्ड (PCTB) के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने छापी है। सोमवार को अधिकारियों की टीम ने छापा मारकर किताबें जब्त कर लीं। पाकिस्तानी मीडिया डॉन के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि पुस्तक का समीक्षा के लिए 2019 में एनओसी के लिए PCTB के समक्ष पेश किया गया था। लेकिन इसे छापने की मंजूरी नहीं दी गई थी। पुस्तक को करिकुलम एंड टेक्स्टबुक बोर्ड एक्ट-2015 की धारा 10 का उल्लंघन करना बताया गया है।
(तस्वीरें मलाला के ऑनलाइन पेज और ट्विटर से ली गई हैं)