एक तानाशाह ऐसा भी: शादीशुदा महिलाओं से संबंध बनाने का शौक, सुबह के 3 बजे तैरने जाना
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16 जुलाई, 1979 को सद्दाम ने अपने चचेरे भाई अली बकर से इराक की सत्ता हथियाई थी। सद्दाम पर शियाओं के साथ भेदभाव का आरोप लगाता रहा। उसने दुजैल गांव में 148 शियाओं को मरवा डाला था। इसी आरोप में उसे फांसी दी गई थी। आगे पढ़ें शॉकिंग किस्से...
3 साल में उतरवा दिया 26 लीटर खूनः ईरान में सद्दाम हुसैन ने एक मस्जिद बनावाई थी, जिसमें खून से लिखी एक कुरान रखी है। इसमें 605 पन्नें हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि सभी पन्नों का हर अक्षर खून से लिखा गया है। इतिहास के पन्नों में दर्ज होने के लिए सद्दाम ने ऐसा किया था। बता दें, सद्दाम ने 3 साल में 26 लीटर खून अपने जिस्म से निकलवाया था।
(बगदाद स्थित वो मस्जिद, जो सद्दाम की मौत के बाद अधूरी रह गई, फोटो क्रेडिट-www.skyscrapercity.com)
तैराकी का शौकः सद्दाम सुबह 3 बजे तैरने के लिए उठता था। कहते हैं, वो कुछ ही घंटों की नींद लेता था। इसके पीछे की वजह है, उसकी स्लिप डिस्क की बीमारी। डॉक्टरों ने कहा था- वो खूब चहलकदमी और तैराकी करें। 3 बजे से पहले स्वीमिंग पूल की गहन चेकिंग होती थी। यह डर था, कि कहीं कोई पानी में जहर ना मिला दे।
( तिरकित में फैमिली के साथ सद्दाम, क्रेडिट-राइटर्स)
परमाणु वैज्ञानिक से चेक करवाता था जहरः सद्दाम के शासनकाल में कई दुशमनों को थेलियम का जहर देकर मौत की नींद सुलाया गया था। उसे डर सताता था कि कोई उसे भी जहर दे सकता है। बता दें, सद्दाम के लिए महल में सप्ताह में दो बार ताजी मछली, केकड़े, झींगे, बकरे और मुर्गे का गोश्त आता था। इन सामानों में रेडिएशन और जहर तो नहीं है, की चेकिंग के लिए परमाणु वैज्ञानिक को तैनात किया गया था।
( मोसुल में चाय के दौरान चर्चा करता सद्दाम, फोटो-1993)
इसलिए छोड़ दी वर्दी पहननाः एक बार संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान ने कहा था- आपको विश्वनेता के रूप में पहचान बनानी है तो आप वर्दी पहनना बंद करके, शूट पहनने की आदत डाल दें। इसके बाद तानाशाह ने परंपरागत जैतूनी वर्दी से शूट पर आ गया।
( 1998 में कोफी अन्नान के साथ सद्दाम)
नींद बर्दाश्त नहीं कर पाता था तानाशाहः सद्दाम को नींद की बीमारी थी। वो दिन में कई छोटी-छोटी झपकियां लेता था। वो नींद को बर्दाश्त नहीं कर पाता था। इसलिए अक्सर मीटिंग के बीच से उठकर वो बगल वाले कमरे में जाकर आधे घंटे सोता था।
(युवावस्था में सद्दाम हुसैन, फोटो क्रेडिट-गेट्टी)
फिल्मों का शौकीनः तानाशाह को टीवी देखने का शौक था। उसकी फेवरेट फिल्म थी द डे ऑफ द जैकॉल। वो अक्सर अंग्रेजी थ्रिलर्स देखता था। सद्दाम को गाड़ियों का भी शौक था।
(सद्दाम की मौत के बाद कबाड़ हुईं गाड़ियां)
सलाह देने वाले मंत्री को सद्दाम ने दी मौतः सद्दाम द सिक्रेट लाइफ के मुताबिक, मार्च 1982 में सद्दाम पर अपने ही एक मंत्री की मर्डर करवाने का आरोप लगा। मंत्री ने सद्दाम को सलाह देने की जुर्रत की थी। उसने भरी मीटिंग में कहा था- ईरान-ईराक युद्ध में विराम के लिए पूर्व राष्ट्रपति अहमद हसन अल बकर को कुछ दिनों के लिए राष्ट्रपति बना दें, ताकि बातचीत हो सके। सद्दाम ने मंत्रिमंडल की मीटिंग को कुछ देर के लिए रोककर मंत्री को अपने साथ बगल के कमरे में ले गया और गोली मार दी।
(यह तस्वीर 2003 की है, जब इराक-ईरान युद्ध हुआ था, फोटो क्रेडिट-Scott Peterson)
टुकड़ों में भिजवा दी मंत्री की बॉडीः तानाशाह की क्रूरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब मंत्री की पत्नी ने अपने पति का शव मांगा तो सद्दाम ने डेडबॉडी को कई टुकड़ों में कटवाकर भेजा।
(कोर्ट में सुनवाई के दौरान सद्दाम)
विदेशी डॉक्टरों पर भरोसाः तानाशाह को हर वक्त डर सताता रहता था। इसलिए वो अपने देश के डॉक्टरों पर भरोसा नहीं करता था। जब भी उसको कोई दिक्कत या परेशानी होती, थी वो विदेशी डॉक्टरों की हेल्प लेता था।
(अपने सैनिकों के साथ सद्दाम)
एक सनकीपन ऐसा भीः 2002 में कैबिनेट बैठक के दौरान एक मंत्री ने घड़ी की तरफ देख लिया। मंत्री को ऐसा करते सद्दाम ने देख लिया। फिर क्या था, तानाशाह ने बुलाया और बगल के कमरे में ले गया। लोग बताते हैं कि मंत्री दो दिन तक वहां कैद रहा। रिहा होने के बाद उसको पद से हटा दिया गया।
(जॉडर्न में किंग हुसैन के साथ सद्दाम)
बुराई करने पर अधिकारी और उसके बेटे को दे दी मौतः सद्दाम ने लेफ्टिनेंट उमर अलहजा को मौत की सजा दी थी। यह इसलिए क्योंकि लेफ्टिनेंट ने तानाशाह की बुराई कर दी थी। इतना ही नहीं, अलहजा के बेटे को भी मौत के घाट उतार दिया गया। घर पर बुलडोजर चलवा दिया और पत्नी-बच्चों को सड़क पर फिंकवा दिया।
(सद्दाम हुसैन की जवानी का फोटो, आंखों में क्रूरता साफ दिखती थी)
शादीशुदा महिलाओं को ज्यादा पसंद करता था सद्दामः शादीशुदा महिलाओं से संबंध बनाना तानाशाह का एक शौक था। उसका मानना था कि ऐसा करने से उसके पति जलील होंगे। तानाशाह की हर रात को रंगीन करने के लिए उसके पर्सनल सिक्यूरिटी गार्ड कामेल हना जेनेजेन ने कमान संभाल रखी थी। वो 20 साल तक सद्दाम के साथ था। सबसे मजेदार बात यह थी कि जेनजेन सद्दाम के रसोइये का बेटा था।
(अपनी फैमिली के साथ सद्दाम)
रसोइये के बेटे को बना रखा था पर्सनल गार्डः तानाशाह के खाने से पहले रसोइये का बेटा उस खाने को टेस्ट करता था। सद्दाम को शक था कि कोई उसके खाने में जहर मिला सकता था। उसका दिमाग इतना तेज था कि उसने रसोइये के बेटे से डबल काम करवाता था। रंगरेलियों का पूरा मैनेजमेंट और बाप द्वारा बनाए गए खाने का टेस्ट। तानाशाह का मानना था रसोइया खाने में जहर इसलिए नहीं मिलाएगा क्योंकि उसके खुद के बेटे को वो खाना सबसे पहले चखना होता था।
(परिवार के साथ खाना खाता सद्दाम हुसैन)
सुरक्षा का पुख्ता प्लानः सद्दाम हुसैन का जब भी बाहर निकलने का प्लान होता था, तब सबसे पहले ब्लैक कलर की हथियार बंद गाड़ियां अलग-अलग दिशाओं में भेजी जाती थीं। यह सब इसलिए ताकि उनके दुश्मन अगर उसके ऊपर कोई हमले का प्लान बना रहे हैं या हमला करना चाहते हैं, तो उनसे वो बालबाल बच जाए।
(सद्दाम के अंतिम दिनों का फोटो, उसका गुस्सा मरते दम तक भी कम नहीं हुआ)