- Home
- World News
- अमेरिका जैसे बदतर हो रहे रूस के हालात, हर रोज मिल रहे कोरोना के 10 हजार केस; अस्पतालों में नहीं है जगह
अमेरिका जैसे बदतर हो रहे रूस के हालात, हर रोज मिल रहे कोरोना के 10 हजार केस; अस्पतालों में नहीं है जगह
मॉस्को। दुनिया भर में कोरोना महामारी का कहर बढ़ता ही जा रहा है। चीन के वुहान शहर से शुरू हुई इस महामारी ने दुनिया के ज्यादातर देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। रूस में जहां पहले इसका प्रकोप ज्यादा नहीं था, अब कोरोना बहुत तेजी से फैलता जा रहा है। रूस के हालात भी अमेरिका की तरह बदतर होते जा रहे हैं। हर रोज वहां कोरोना के 10 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह की कमी पड़ती जा रही है। दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा अमेरिका के लोग इन्फेक्टेड हैं। अमेरिका में कोरोना से इन्फेक्टेड लोगों की संख्या 16 लाख, 56 हजार, 213 हो गई है, वहीं रूस में इसके 3 लाख, 35 हजार, 882 मामले सामने आ चुके हैं। दूसरे देशों की तुलना में मौतों का आंकड़ा रूस में कम है। फिर भी करीब 3,338 लोग इससे जान गंवा चुके हैं। रूस में कोरोना के चलते 25 मार्च को वेतन सहित छुट्टी की घोषणा कर दी गई थी। लेकिन बाद में रूस के स्टेट मीडिया ने कहा कोरोना से ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। बहरहाल, अमेरिका के बाद कोरोना संक्रमण के मामले में दूसरे नंबर पर आ जाने के बाद अब फिर वहां लॉकडाउन लगा दिया गया है। तस्वीरों में देखें कैसे बन गए है रूस में कोरोना से हालात।
- FB
- TW
- Linkdin
मॉस्को के लोमोनसोव यूनिवर्सिटी क्लिनिक के आईसीयू में डॉक्टर्स कोरोना वायरस के मरीज का इलाज करने में लगे हुए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में रूस अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर आ गया है।
मॉस्को के कियेव्स्की रेलवे स्टेशन पर रूस के आपदा मंत्रालय के मेंबर्स पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) से लैस होकर डिस्इन्फेक्शन का काम कर रहे हैं।
सेंट पीटर्सबर्ग के एक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर्स कोरोना के एक मरीज को इलाज के लिए ले जा रहे हैं।
मॉस्को के बाहरी इलाके में स्थित एक कब्रिस्तान में वर्कर्स कोरोना वायरस से मौत का शिकार हुए एक शख्स के कॉफीन और कब्र को क्लोरीन डाल कर डिसइन्फेक्ट कर रहे हैं।
मॉस्को के सेंट्रल क्लिनिकल हॉस्पिटल के इन्टेंसिव केयर यूनिट में कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है।
मॉस्को के सिटी क्लिनिकल हॉस्पिटल के इन्टेंसिव केयर यूनिट में कोरोना का एक मरीज वेंटिलेटर पर।
मॉस्को के भूमिगत रास्तों को प्रोटेक्टिव गियर पहने स्पेशलिस्ट सैनिटाइजिंग का काम कर रहे हैं।
मॉस्को के सिटी क्लिनिकल हॉस्पिटल 52 में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट से लैस मेडिकल वर्कर्स एक कोरोना मरीज के बेड को शिफ्ट कर रहे हैं।
मॉस्को के सिटी क्लिनिकल हॉस्पिटल 52 में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट से लैस मेडिकल वर्कर्स एक कोरोना मरीज को बाहर ले जा रहे हैं।
मॉस्को के सिटी क्लिनिकल हॉस्पिटल 52 में बेहोश हो चुके एक मरीज के इलाज में लगे डॉक्टर्स।
मिलिट्री के लिए होने वाली अनिवार्य बहाली के दौरान मॉस्को में एक नवजवान का कोरोना टेस्ट करने के लिए सैंपल लेता मेडिकल वर्कर।
कोरोना वायारस से मौत का शिकार हुए एक शख्स के कॉफीन को कब्रिस्तान में दफनाने के लिए ले जा रहे मेडिकल वर्कर।
मॉस्को के सेंट्रल क्लिनिकल हॉस्पिटल के एक वार्ड में कोरोना के एक मरीज को मेडिकल स्पेशलिस्ट आरजेडी मेडिसिन दे रहे हैं। यह दवा कोरोना के गंभीर मरीजों को दी जाती है।
सेंट पीटर्सबर्ग में इलाज के बाद मेडिकल वर्कर्स एक महिला की व्हीलचेयर से उतरने में मदद कर रहे हैं।
मॉस्को में बड़ी-बड़ी गाड़ियों से सड़कों और बाजारों को डिसइन्फेक्ट करने के लिए सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है।