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trending टॉपिक: Tokyo Olympics 2020 ने याद दिलाई फिर ये तस्वीर; जब परमाणु बम ने हिरोशिमा को बर्बाद कर दिया था
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यह तस्वीर योशिनोरी सकाई की है, जिनका जन्म 6 अगस्त 1945 को हुआ था। इसी दिन हिरोशिमा पर बमबारी की गई थी। वह 10 अक्टूबर 1964 को नेशनल स्टेडियम में 1964 टोक्यो ओलंपिक के पहले दिन टॉर्च बियरर को रोशन करने करने वाले 100,713 वां मशालवाहक बने। (और युद्ध के बाद के नए जापान का प्रतीक) बन गया।
बता दें परमाणु बम का इतना भयानक असर हुआ था कि हिरोशिमा और नागासाकी के अलावा आसपास मीलों दूर तक रेडियोएक्टिव के चलते काली बारिश हुई थी। इस बारिश की चपेट में जो भी आया, वो त्वचा से लेकर कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो गया। इसका असर आज भी देखा जा सकता है। हाल में हिरोशिमा की जिला कोर्ट ने इससे प्रभावित लोगों, जिन्हें हिबाकुशा कहते हैं; को फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट देने की बात कही है। बता दें कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान ने ईस्ट इंडिया के तेल से भरपूर इलाकों पर कब्जा करने इंडो-चाइना को टार्गेट किया था। अमेरिका से यह सहन नहीं हुआ। उसने जापान को सरेंडर कराने यह परमाणु बम फेंक दिया।
हिरोशिमा इसलिए भी ट्रेंड में
जब 6 अगस्त की सुबह 8.15 बजे अमेरिकी इनोला गे बम वर्षक विमान से हिरोशिमा पर परमाणु बम फेंका गया, तब इस शहर का टेम्परेचर 10 लाख डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया था। इतनी भीषण गर्मी से मीलों दूर तक सबकुछ जलकर भस्म हो गया था।
भारत में इसलिए हिरोशिमा चर्चा में
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पश्चिमी हिमालय के सभी पर्वतीय क्षेत्र बादल फटने से खतरे में हैं। पिछले 2 दशकों से लगातार ऐसा होता आ रहा है। इसके पीछे ग्लोबल वॉर्मिंग बड़ी वजह माना जा रहा है। हिरोशिमा भी ऐसा ही दंश झेल चुका है।
राजनीति रूप से भी हिरोशिमा चर्चा में
पिछले दिनों शिवसेना नेता संजय राउत ने सामना अखबार में एक लेख लिखा था। इसमें पेगासस जासूसी कांड की तुलना हिरोशिमा से कर दी थी। उनका कहना था कि जापान के हिरोशिमा शहर पर बमबारी से लोगों की मौत हुई थी, जबकि इजरायली सॉफ्टवेयर की जासूसी से स्वतंत्रता की मौत हुई है।
बता दें जब हिरोशिम पर परमाणु बम गिराया गया, तब वहां की आबादी करीब साढ़े तीन लाख थी। इसमें 43 हजार जापानी सैनिक थे। यह घटना एक सबक है। युद्ध जिंदगीभर का दर्द बन जाते हैं।
यही बम अमेरिका ने हिरोशिमा पर गिराया था। इसे लिटिल बॉय के नाम से जाना जाता था। यह यूरेनियम हथियार हिरोशिमा के ऊपर 1850 फीट की ऊंचाई पर फटा था। इसक बाद जो तबाही मची, वो इतिहास का सबसे काला अध्याय बन गई।
6 अगस्त की सुबह 8.15 बजे अमेरिकी इनोला गे बम वर्षक विमान से हिरोशिमा पर परमाणु बम फेंका था।