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क्या है हैलोवीन फेस्टिवल, जिसने एक झटके में ले ली सैकड़ों जानें; आखिर क्या है इसके डरावने गेटअप की वजह
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क्या है हैलोवीन फेस्टिवल?
हैलोवीन फेस्टिवल (Halloween Festival) को 31 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है, जिसे पश्चिमी देशों में ईसाई बड़े धूमधाम से मनाते हैं। दरअसल, 31 अक्टूबर का दिन सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन होता है। ऐसे में सेल्टिक लोग इसे नए साल की शुरूआत के रूप में मनाते हैं।
कैसे हुई हैलोवीन की शुरुआत?
हैलोवीन (Halloween Festival) की शुरुआत सबसे पहले आयरलैंड और स्कॉटलैंड से हुई थी। ईसाई समुदाय के लोगों में हैलोवीन डे को लेकर मान्यता है कि भूतों का गेटअप करने से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है। इसे अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपियन देशों के कई राज्यों में नए साल की शुरुआत के तौर पर भी मनाया जाता है।
क्या होता है हैलोवीन पार्टी में?
हैलोवीन पार्टी के दौरान लोग डरावने गैटअप में तैयार होकर पहुंचते हैं। इस दौरान लोग भूत-चुड़ैल, जॉम्बीज की तरह दिखते हैं। कहा जाता है कि हैलोवीन फेस्टिवल को पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए मनाया जाता है।
क्यों मनाते हैं हैलोवीन फेस्टिवल?
इतिहासकारों का मानना है कि हैलोवीन प्राचीन 'सेल्टिक त्योहार' है। माना जाता है कि इस दिन मृत लोगों की आत्माएं धरती पर आकर जीवित आत्माओं के लिए मुश्किलें पैदा करती हैं। ऐसे में लोगों के मन से आत्माओं के डर को भगाने के लिए लोग इस तरह का गेटअप रखते हैं।
हैलोवीन पर क्यों जलाते हैं लालटेन?
हैलोवीन (Halloween) पर लालटेन जलाने को लेकर पश्चिमी देशों में एक कहानी खूब सुनाई जाती है। इसके मुताबिक, कंजूस जैक और शैतान आयरिश दोस्त थे। कंजूस जैक शराबी था। एक बार उसने आयरिश को अपने घर बुलाया, लेकिन उसने आयरिश को शराब पिलाने से मना कर दिया। उसने अपने दोस्त से कहा कि वो तभी शराब पिलाएगा जब वो उसके घर में लगा हुआ कद्दू खरीदेगा।
हैलोवीन से क्या है कद्दू का कनेक्शन?
हालांकि, बाद में जैक ने आयरिश को इस बात भी इनकार कर दिया। इसके बाद उसके दोस्त ने गुस्से में आकर पंपकिन (कद्दू) की डरावनी लालटेन बनाकर अपने घर के बाहर एक पेड़ पर टांग दी। उसने पंपकिन में डरावना चेहरा बना दिया और उसमें जलते हुए कोयले भर दिए। इसके बाद बाकी लोगों ने भी सबक के तौर पर जैक-ओ-लालटेन का ट्रेंड शुरू कर दिया। मान्यता है कि ये लालटेन पूर्वजों की आत्माओं को सही रास्ता दिखाने और बुरी आत्माओं से उन्हें बचाने का काम करती हैं।
भारत में भी बढ़ रहा हैलोवीन का क्रेज :
पश्चिमी और यूरोपियन देशों में हैलोवीन (Halloween) पर लोग दोस्तों रिश्तेदारों और पड़ोसियों आदि के साथ मिलकर कई गेम खेलते हैं। विदेशों में मनाया जाने वाला हैलोवीन फेस्टिवल अब धीरे-धीरे भारत में भी पॉपुलर होता जा रहा है। पार्टियों में भूत और चुड़ैल के गेटअप में नजर आने का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है।
त्योहार के बाद कद्दू को दफनाने की रस्म :
इस त्योहार पर लोग कद्दू को खोखला करके उसमें डरावने चेहरे बनाते हैं। इसके बाद उसके भीतर जलती हुई मोमबत्ती रख देते हैं। इससे अंधेरे में ये बेहद डरावना दिखता है। इसे ही हैलोवीन कहा जाता है। कई देशों में ऐसे हैलोवीन को घर के बाहर अंधेरे में पेड़ों पर लटकाया जाता है। त्योहार खत्म होने के बाद कद्दू को दफना दिया जाता है।
इन नामों से भी जाना जाता है हैलोवीन :
हैलोवीन डे को ऑल हेलोस ईवनिंग, ऑल हैलोवीन, ऑल होलोस ईव और ऑल सैंट्स ईव भी कहा जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर कैंडी, चॉकलेट भी गिफ्ट करते हैं।
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