सार
किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में धरना दे रहे एक और किसान की जान चली गई है। ये किसान 9 महीने से आंदोलन में शामिल था। परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर बताई गई। किसानों ने उसके परिवार की आर्थिक मदद करने की मांग की है। बता दें कि ये किसान तीन कृषि कानून (farmer Movement) और एमएसपी कानून (MSP Law) समेत 6 मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। शुक्रवार को पीएम ने तीन कानून वापस लिए जाने की घोषणा कर रही है, लेकिन किसान बाकी अन्य मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं।
रोहतक। तीन कृषि कानून (Three agricultural law) के खिलाफ आंदोलन (Kisan Andolan) में शामिल किसानों की मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा है। हरियाणा (Haryana) के रोहतक (Rohtak) में एक 55 साल के किसान की मौत हो गई। बता दें कि विभिन्न जगहों पर धरनों में शामिल 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। फिलहाल, शव को किसान आंदोलन के झंडे से ढका गया है। धरना स्थल के पास ही उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, हरियाणा के रोहतक जिले के खेड़ी साध निवासी 55 साल के रामबीर (Rambir) की सोमवार सुबह मौत हुई। इससे पहले उसे अचेत अवस्था में पड़ा देखा तो साथी किसान सीधे पीजीआई (PGI Rohtak) लेकर पहुंचे थे। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर्स ने शुरुआती तौर पर हार्ट अटैक से मौत होना बताया। इसके बाद किसान शव को लेकर वापस धरना स्थल पर पहुंचे। यहां उसके शव को किसान आंदोलन के झंडे से ढका गया। किसानों ने बताया कि धरनास्थल के पास ही रामबीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। रामबीर पिछले करीब 9 माह से धरना दे रहा था। यहां खेड़ी साध धरने पर सेवा भाव भी करता था। रात में धरनास्थल पर ही सोता था। उसकी तीन बेटियां और एक बेटा है। करीब तीन दिन पहले उसके इकलौते बेटे साहिल की शादी थी। इसके बावजूद वह आंदोलन में सक्रिय था।
किसानों ने आर्थिक मदद करने की अपील की
किसानों का कहना था कि बेटे शादी में भी वह एक मेहमान की तरह गया था। किसानों ने ही बड़ी मुश्किल से उसे शादी में शामिल होने के लिए भेजा था। कार्यक्रम खत्म होने के तुरंत बाद वह धरने पर लौट आया था। पूरे परिवार की जिम्मेदारी भी रामबीर पर थी। बेटा अभी बेरोजगार है। आंदोलनरत किसानों ने वीडियो जारी करके विभिन्न धरनों और टोलों पर बैठे किसानों से आर्थिक मदद की अपील की। वीडियो में कहा कि रामबीर बहुत ही गरीब था। वह खुद ही परिवार का पालन-पोषण करता था। उसकी मौत के बाद से परिवार पूरी तरह टूट गया है। इसलिए सभी किसान साथी उसके परिवार की मदद करें।
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