सार
. यह तस्वीरें 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान के सशक्तिकरण का सटीक उदाहरण हैं। यहां एक पिता ने अपनी दो बेटियों की शादी से पहले बैंड-बाजे के साथ घोड़ी पर बैठाकर बनवाड़ा निकाला।
भिवानी, हरियाणा. यह तस्वीरें 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान के सशक्तिकरण का सटीक उदाहरण हैं। यहां एक पिता ने अपनी दो बेटियों की शादी से पहले बैंड-बाजे के साथ घोड़ी पर बैठाकर बनवाड़ा निकाला। इसके पीछे पिता ने तर्क दिया कि वो चाहता था कि समाज से बेटी और बेटे को लेकर भेदभाव मिटे। पुरानी परंपराएं टूटें और एक नई सकारात्मक सोच पैदा हो। उल्लेखनीय है कि दुल्हन कंचन और मोनिका चचेरी बहन हैं। उनके पिता क्रमश: मनोज और हरकेश कुम्हार समाज से ताल्लुक रखते हैं। जब दोनों बहनों का का बनवाड़ा निकला, तो लोगों का उत्साह देखते बनता था।
बता दें कि शादी से हफ्तेभर पहले दूल्हा-दुल्हन को सारे कामकाज से फ्री कर दिया जाता है। इसी दिन से शादी की रस्में शुरू हो जाती हैं।