सार

हापुड़ के ब्रजघाट पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच निभाई गई रस्में, स्वराज कौशल भी रहे साथ। मंगलवार रात को कॉर्डियक अरेस्ट के चलते पूर्व विदेश मंत्री का निधन हो गया था।

हरियाणा: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अस्थियां गुरुवार सुबह उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में ब्रजघाट पर गंगा नदी में प्रवाहित की गईं। बेटी बांसुरी स्वराज ने एक बेटे की तरह हिंदू रीति रिवाज से पूरी रस्में निभाई। करीब ढाई घंटे रहीं बांसुरी कर्मकांड के दौरान कई बार अपनी मां को याद कर बिलख पड़ीं। गंगा में अस्थियां प्रवाहित करते समय भी वे रो पड़ीं तो पिता स्वराज कौशल ने उन्हें सहारा दिया। 

सुषमा स्वराज की एक बेटी बांसुरी हैं। बुधवार को दिल्ली में बेटी बांसुरी ने ही अपनी मां का दाह संस्कार किया था। गुरुवार सुबह 10:10 बजे बांसुरी स्वराज हाथों में अस्थि कलश लेकर ब्रजघाट पहुंचीं। उनके साथ पिता स्वराज कौशल भी मौजूद थे। यहां पंडितों ने हिंदू रीति रिवाज के अनुसार घाट पर पिंडदान व अन्य कर्मकांड कराया। इसके बाद सुषमा स्वराज की अस्थियां गंगा नदी में प्रवाहित की गई।

 नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भाजपा जिलाध्यक्ष  डॉक्टर विकास अग्रवाल ने बताया कि बुधवार रात सूचना मिली कि सुषमा जी की अस्थियां यहां प्रवाहित की जाएंगी। इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी गई। जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के साथ अन्य इंतजाम करवाए। लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में एक विशेष टेंट लगाया गया था। यहीं सभी संस्कार संपन्न हुए। यहां पहले से ही भाजपा नेताओं की भीड़ लगी हुई थी। हर कोई उनके अस्थि कलश पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देने में लिए आतुर दिखा। गेस्ट हाउस में लगे टेंट में अस्थि कलश को रखा गया था। 

मंगलवार रात हुआ था निधन

दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार रात सुषमा स्वराज ने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। बुधवार को उनका दिल्ली में अंतिम संस्कार किया गया। उनका जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था। उनका परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा था। सुषमा का स्वराज कौशल से 1975 में विवाह हुआ। स्वराज कौशल वकील हैं। वे मिजोरम के गवर्नर भी रह चुके हैं। 1990 में देश के सबसे युवा गवर्नर बने, तब उनकी उम्र 37 साल थी।