सार

पूरी दुनिया के साथ ही भारत में कोरोनावायरस (Covid-19) संक्रमण की दूसरी लहर तेज हो गई है। मंगलवार को कोरोनावायरस के 1.15 लाख नए मामले सामने आए। कोरोना की यह लहर पहले से भी तेज है। 

हेल्थ डेस्क। पूरी दुनिया के साथ ही भारत में कोरोनावायरस (Covid-19) संक्रमण की दूसरी लहर तेज हो गई है। मंगलवार को कोरोनावायरस के 1.15 लाख नए मामले सामने आए। कोरोना की यह लहर पहले से भी तेज है। पिछले साल सितंबर में कोरोना के करीब 97 हजार मामले सामने आए थे, वहीं 4 अप्रैल 2021 को इसके 1.03 मामले सामने आए। बता दें कि कोरोनावयरस के नए स्ट्रेन में कई अलग तरह के लक्षण सामने आ रहे हैं। इनमें पेटदर्द, उल्टी, जॉइंट्स पेन, कमजोरी और भूख का नहीं लगना शामिल है।

क्या कहना है WHO का
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, कोरोना के नए मामलों में अलग तरह के लक्षण सामने आ रहे हैं। ज्यादातर लोगों को इन्फेक्शन से ज्यादा समस्या नहीं हो रही है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है। वहीं, कुछ लोगों में इन्फेक्शन होने के 5-6 दिन के बाद लक्षण सामने आ रहे हैं। कुछ मामलों में तो लक्षण 14 दिन के बाद भी सामने आए हैं।

कोरोना के मामले बढ़ने की क्या है वजह
भारत सरकार के मुताबिक, अभी देश के 18 राज्यों में कोरोना के बेहद खतरनाक वायरस मिले हैं। इनमें महाराष्ट्र भी शामिल है, जहां डबल म्यूटेंट स्ट्रेन भी मिला है। वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉक्टर गगनदीप कंग के मुताबिक कोरोना का हर वायरस म्यूटेट होता है। वहीं, यूके और ब्राजील में कुछ स्ट्रेन काफी गंभीर हैं, लेकिन वे तेजी से नहीं फैलते। कई विशेषज्ञों का मानना है कि लोग अब यह समझने लगे हैं कि कोरोना खतरनाक नहीं है, इसलिए वे सावधानी नहीं बरत रहे हैं। लोग सोशल डिस्टेंसिंग. मास्क और सैनेटाइजर का इस्तेमाल कम करने लगे हैं।

कोरोना के नए लक्षण
भारत में कोरोना के मामलों को लेकर जो शोध हुए हैं, उनके मुताबिक स्ट्रेन के बदलने की वजह से लक्षण भी बदल रहे हैं। कोरोना के नए लक्षणों में पेटदर्द, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द, गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल समस्याएं, कमजोरी और भूख का नहीं लगना है। चीन में हुई एक स्टडी के मुताबिक, कंजक्टिवाइटिस भी कोरोना इन्फेक्शन का लक्षण हो सकता है। नए स्ट्रेन की वजह से आंखों में लाली, सूजन और पानी आने की समस्या होती है। कई लोगों की सुनने की क्षमता भी प्रभावित होती है।

लापरवाही बरतना ठीक नहीं
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना का नया स्ट्रेन खतरनाक भी हो सकता है। इससे शरीर के अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए किसी तरह का लक्षण दिखे तो टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। खासकर जिन लोगों को पहले से कोई गंभीर बीमारी है, उनके लिए यह इन्फेक्शन घातक साबित हो सकता है। जहां तक वैक्सीनेशन का सवाल है, हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे काफी फायदा हो सकता है। वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि वैक्सीनेशन के बाद भी इन्फेक्शन की संभावना बनी रह सकती है। सरकार ने 1 अप्रेल से 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू कर दिया है। इसके बावजूद मास्क, सैनेटाइजर का इस्तैमाल करना और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करना जरूरी बताया जा रहा है।