सार
कोरोना का कोहराम थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन में बढ़ते प्रकोप के बीच एक स्टडी ने लोगों की नींद उड़ा दी है। कोविड के अगले वैरिएंट को लेकर एक डराने वाली बात सामने आई है।
हेल्थ डेस्क. चीन में कोरोना वायरस (corona virus) ने कोहराम मचाया हुआ है। भारत में भी इसके केसेज बढ़ रहे हैं। इस बीच विशेषज्ञों ने कोविड -19 के अगले वैरिएंट को लेकर चेतावनी जारी की है। उन्होंने बताया है कि इस किलर वायरस का अगला वैरिएंट पहले की तुलना में बहुत घातक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों ने 6 महीने से दक्षिण अफ्रिका के एक कोरोना संक्रमित मरीज के जांच के बाद यह खतरनाक खुलासा किया है।
चीन को कोरोना वायरस ने बेहाल किया हुआ है। देश भर में इसे लेकर उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां अलग-अलग इलाकों में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट लोगों को अपने चपेटे में ले रहा है। इतना ही नहीं, ओमिक्रोन दुनिया के कई मुल्कों में फैला हुआ है। ओमिक्रोन वैरिएंट को फैले हुए एक साल हो गए हैं। अब इसके कई रूप दुनिया के हर देश में पैदा हो चुके हैं। इस बीच स्टडी में चेतावनी दी गई हैं कि कोविड -19(COVID-19) का अगला वैरिएंट और भी घातक हो सकता है। इसके लिए एक इम्यूनोसप्रेस्ड व्यक्ति के कोविड के नमूनों का उपयोग करते हुए यह लैब स्टडी की गई थी। जिसके बाद सामने आया है कि अगलै वैरिएंट ओमिक्रॉन स्ट्रेन की तुलना में ज्यादा इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
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एचआईवी मरीज पर स्टडी
साउथ अफ्रीका के डरबन स्थित अफ्रीका हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट में यह स्टडी की गई। विशेषज्ञों ने एक एचआईवी मरीज की जांच की जिसके अंदर पिछले छह महीने से कोरोना वायरस बना हुआ था। इस स्टडी को करने वाले वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर अलेक्स सिगल ने कहा,' वक्त के साथ वायरस का विकास हुआ है। जिससे ज्यादा कोशिकाओं की मौत हुई है, और कोशिकाओं में फ्यूजन हुआ है। इससे फेफड़ों में इन्फ्लामेशन बढ़ा हुआ है। ' उन्होंने आगे बताया कि यह असर ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों की तुलना में उन लोगों में ज्यादा करीब से पाए जाते हैं जिनको पहले से कोरोना से संक्रमण हुआ है। दक्षिण अफ्रीका का यह मरीज सबसे लंबे समय तक ओमिक्रोन से संक्रमित ज्ञात मरीजों में से एक है।
इम्यूनोसप्रेस्ड लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक
विशेषज्ञों ने इसके पीछे की वजह बताई। दरअसल, यह एक एचआईवी पीड़ित है जिसका इम्यून सिस्टम कमजोर है। इससे पूरी तरह से इंफेक्शन खत्म नहीं हुआ है, जिससे वायरस दूसरे में फैलने से पहले शरीर के अंदर लगातार म्यूटेट होते रहा है। उन्होंने बताया कि एचआईवी या अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए कोरोना के सभी वैरिएंट ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।
दुनिया को नए वैरिएंट से निपटने के लिए करनी होगी तैयारी
वहीं, दक्षिण अफ्रीका की खोज से यह भी पता चलता है कि वैक्सीन और पहले के संक्रमण के कारण कोरोना के नए वैरिएंट को मात देने के लिए दुनिया पहले से ज्यादा तैयार है। बता दें कि कुछ वक्त से यह चेतावनी दी जा रही है कि चीन फिर से महाविनाशक वैरिएंट को पैदा करने की कोशिश में लगा हुआ है। इस चेतावनी के बाद दुनिया को कोरोना के नए वैरिएंट से निपटने की तैयारी करनी होगी।
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