सार
नई रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों को पहले से मोटापे की समस्या रहती है, उन्हें टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा रहता है।
हेल्थ डेस्क। एक नई रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों को पहले से मोटापे की समस्या रहती है, उन्हें टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा रहता है। अगर किसी व्यक्ति में बाद में मोटापे की समस्या पैदा होती है तो उसे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा ज्यादा नहीं रहता। दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं जरूर हो सकती हैं। लेकिन नई स्टडी के अनुसार, शुरू से मोटापे का समस्या रहने पर टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना बनी रहती है।
यह रिसर्च स्टडी जर्नल ऑफ डायबेटोलॉजिया (द जर्नल ऑफ यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज) में प्रकाशित हुई है। इस स्टडी में शोधकर्ताओं का कहना है कि मोटापे से हर हाल में बचना चाहिए। इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलियन लॉन्गिट्यूडिनल स्टडी ऑन विमेन्स हेल्थ के आंकड़ों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने बॉडी मास इंडेक्स ट्रैजेक्ट्रीज का अध्ययन उनके प्रारंभिक युवा अवस्था के दौरान किया और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि मोटोपे के चलते इनमें टाइप 2 डायबिटीज होने की आशंका दूसरे लोगों की तुलना में ज्यादा है।
शोधकर्ताओं का दावा है कि उनके अध्ययन से मोटापे और इससे जुड़े टाइप 2 डायबिटाज के रिस्क को कम करने में सहायत मिलेगी। उन्होंने इसके हर पहलू का अध्ययन किया है जो मेडिकल रिसर्च की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। जल्दी ही इस रिसर्च के अनुसार डॉक्टर टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए नए उपाय अपनाएंगे।