सार
कोरोना (Corona Virus) वायरस ने भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। इस महामारी के दौर में न सिर्फ आम लोगों की नौकरियां चली गईं, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री के कई वर्कर्स भी बेरोजगार हो गए। इतना ही नहीं, हॉलीवुड (Hollywood) में भी कोरोना की गहरी मार पड़ी है। वहां काम करने वाले कई डिजाइनर्स और बुटीक मालिक भी बेरोजगारी का सामना करने को मजबूर हैं।
मुंबई। कोरोना (Corona Virus) वायरस ने भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। इस महामारी के दौर में न सिर्फ आम लोगों की नौकरियां चली गईं, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री के कई वर्कर्स भी बेरोजगार हो गए। इतना ही नहीं, हॉलीवुड (Hollywood) में भी कोरोना की गहरी मार पड़ी है। वहां काम करने वाले कई डिजाइनर्स और बुटीक मालिक भी बेरोजगारी का सामना करने को मजबूर हैं। इस क्षेत्र में जहां हजारों कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है, वहीं कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिनके वेतन में भारी कटौती की गई है। इस पैकेज में हम बता रहे हैं हॉलीवुड के कुछ ऐसे ही डिजाइनर्स और बुटीक ऑनर्स के बारे में, जिनके काम-धंधे कोरोना के चलते लगभग खत्म हो गए थे। लेकिन बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
लियोन एलियास वू :
फैशन डिजाइनर
लॉस एंजिलिस में रहने वाले 42 साल के फैशन डिजाइनर लियोन एलियास वू के मुताबिक, जब कोरोना महामारी पहली बार आई तो उन्हें लगा कि जैसे वो किसी जॉम्बी (डरावनी) फिल्म के कोई कैरेक्टर हैं। मुझे सबसे ज्यादा चिंता अपनी फैमिली और करीबियों की थी। मुझे ये चिंता खाए जा रही थी कि कोरोना हमारे काम पर बुरी तरह असर डाल रहा था। आने वाला वक्त हमारे लिए बेहद चुनौतियों से भरा था। बता दें कि लियोन वू हॉलीवुड में बेस्पोक सूट के मशहूर डिजाइनर हैं। उनके डिजाइनर सूट को लेवर्न कॉक्स, बेथ डावर और जेक ग्राफ जैसे एक्टर्स काफी पसंद करते हैं। वू के मुताबिकि, मैंने ग्राहकों को सूट की प्रीपेड ऑनलाइन बुकिंग पर 20 परसेंट की छूट भी दी, लेकिन इसके बावजूद सूट की बिक्री 40 परसेंट तक गिर गई। कोरोना के चलते आई मंदी की वजह से फिल्म प्रीमियर जैसे बड़े इवेंट्स के लिए भी लोग एक महंगा सूट खरीदने में हिचकिचाने लगे थे। ऐसे में मैंने फैसला किया कि मुझे अपने धंधे का तरीका बदलना होगा। फिर मैंने महंगे डिजाइनर कपड़ों की जगह स्पोर्ट्सवेयर, लेगिंग, स्वेटशर्ट का बिजनेस शुरू किया।
सिग्रुन ब्योर्क :
डिजाइनर
आइसलैंड की 50 वर्षीय डिजाइनर सिग्रुन ब्योर्क के मुताबिक, फरवरी 2020 में मैंने लंदन में हाउस ऑफ आइकॉन्स वीक में पार्टिसिपेट किया था। वहीं इसके कुछ दिनों बाद मैं लॉकडाउन के चलते अपने घर में कैद थी। मैं घर पर सोचती रहती थी कि अपने डिजाइनिंग वाले जुनून को कैसे कंटीन्यू करूं। लेकिन कोरोना के चलते मुझे अपने कदम पीछे खींचने पड़े। मैं काफी समय तक बेरोजगारों की तरह जिंदगी बिता रही थी। मेरे पास लॉकडाउन में इसके अलावा दूसरा कोई चारा भी नहीं था। लॉकडाउन में मेरा काम पूरी तरह बंद हो चुका था। बाद में मैंने रेडी टू वियर, ट्रेंडी वियर कपड़ों का छोटा सा बिजनेस शुरू किया। हालांकि, मेरे लिए कोरोना में इस बिजनेस को भी चला पाना उतना आसान नहीं रहा। नए लोगों के लिए तो इस फील्ड में पैर जमाना काफी मुश्किल भरा साबित हुआ।
ब्रैंडन हंट :
फैशन लेबल लिविंटेज के मालिक
अमेरिका के डलास स्थित फैशन लेबल लिविंटेज अपैरल के मालिक ब्रैंडन हंट का कहना है कि कोरोना महामारी ने उन्हें कड़ी चुनौती दी क्योंकि वो इसी दौर में पिता बने थे। महामारी के समय लॉकडाउन और मंदी के चलते मुझे अपना बिजनेस सर्वाइव करना किसी चुनौती से कम नहीं लग रहा था। 33 साल के ब्रैंडन हंट सोच रहे थे कि आखिर अब करूं तो क्या? क्योंकि ये वो समय था, जब लोग नए कपड़े बहुत कम खरीद रहे थे। ऐसे में मैन्युफैक्चरर्स के साथ डील करना भी जोखिमभरा साबित हो रहा था। इसके बाद मैंने सोचा कि क्यों न कुछ ऐसा डिजाइन किया जाए जो लोगों को पहनने में आरामदायक और सस्ता भी हो। क्योंकि लोग लंबे समय से अपने घरों में बंद हैं। फिर मैंने स्ट्रीटवियर जैसे कि लेदर जैकेट, थाई लेंथ बूट, डिजाइनर हुडी और जॉगिंग ट्राउजर का काम शुरू किया। शुरू में मुझे डर लग रहा था कि ये बिजनेस चलेगा या नहीं। लेकिन मेंस और वुमंस कलेक्शन जल्दी बिक गए। मैंने मंथली सब्सक्रिप्शन शुरू किया और ग्राहकों को लुभाने की कुछ और स्कीम्स शुरू की, जिसका फायदा मुझे हुआ।
एलिजाबेथ वीनस्टॉक :
फैशन ब्रांड
एलिजाबेथ वीनस्टॉक का अपने नाम से ही एक ब्रांड है, जिसमें वो स्नेक स्किन लेदर गुड्स, जैकेट्स, हैंडबैग्स और वॉलेट का बिजनेस करती थीं। लेकिन कोरोना लॉकडाउन की वजह से उनका धंधा पूरी तरह से खत्म हो गया। इसके बाद उन्होंने एंडाइन नाम से महिलाओं के लॉन्गवियर और नाइटवियर की एक एक क्लोदिंग लाइन शुरू की। एलिजाबेथ के मुताबिक, मेरे लिए छोटी शुरुआत करना खासकर अपने लिए मशीनें और कारीगर ढूंढना आसान था क्योंकि मैं पहले से ही इसी तरह के बिजनेस में थी। अब मेरे घर में ही कटाई, सिलाई से लेकर सारा काम आसानी से हो जाता है।