सार
झारखंड के गुमला में माओवादियों के सबजोनल का कमांडर गुरुवार को पुलिस ने अरेस्ट किया है, जिसके पास से देशी कट्टा भी बरामद हुआ है। वह चैनपुर थाने में हुए हमले भी शामिल था।
गुमला( gumla). झारखंड के गुमला जिले की पुलिस ने माओवादियों के सबजोनल कमांडर माठू लोहरा उर्फ कमलेश लोहरा व कमलेश्वर तिर्की को लोडेड देसी कट्टा के साथ गिरफ्तार किया है। विशुनपुर थाना क्षेत्र के मुदार गांव से उसकी गिरफ्तारी हुई। पुलिस ने 13 साल बाद उसे गिरफ्तार करने में सफलता पाई। साल 2009 वह संगठन में शामिल हुआ था। बुधवार 6 जुलाई की देर रात पुलिस ने उसे हथियार के साथ पकड़ा। जिले के एसपी मनीष कुमार ने सदर थाना में गुरुवार को पूरे मामले का खुलासा किया। एसपी ने बताया कि नक्सली विशुनपुर थाना क्षेत्र के मुदार गांव में घूमने की सूचना मिली थी। जिसके बाद एक टीम का गठन कर गांव भेजा गया। पुलिस जब गांव पहुंची तो वह पुलिस को देख भागने लगा। पुलिस ने घेर कर उसे पकड़ लिया। जांच के क्रम में उसके पास एक देशी लोडेड कट्टा मिला। छापेमारी दल में विशुनपुर थाना प्रभारी पुअनि सदानंद सिंह, पुअनि सुरेंद्र कुमार, अंकू कुमार आदि शामिल थे। उसे जेल भेज दिया गया है।
चैनपुर क्षेत्र का था एरिया कमांडर
एसपी ने कहा कि गिरफ्तार नक्सली जोसेफ एक्का से संपर्क में आकर वर्ष 2009 में वह संगठन में शामिल हुआ था। शुरुवाती दौर में वह नक्सलियों के लिए लेवी वसूलने का काम करता था। फिर लातेहार जाकर नक्सली अरविंद का अंगरक्षक बना। बाद में उसे चैनपुर का एरिया कमांडर बना। अपने दस्ते के साथ उसने कई बड़ी और छोटी घटनाओं को अंजाम देने लगा। बाद में उसे सबजोनल कमांडर बना दिया गया।
नक्सली को दोबारा रिमांड पर लगी पुलिस
एसपी ने कहा कि गिरफ्तार नक्सली को जेल भेज दिया गया है। पूछताछ के लिए उसे दोबारा रिमांड पर लिया जाएगा। और भी कई खुलासा होने की संभावना है। जोसेफ इक्का के अलावा सचिन, दिलबर, पवन, विश्वनाथ प्रसाद,कंचन, रानथु व बबलू उरांव समेत अन्य नक्सलियों के साथ वह काम कर चुका है। 2014 में पुलिस के हत्थे चढ़ने से बचा था। पुलिस को उसकी कई सालों से तलाश थी।
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