सार
लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े अन्य चार मामलों (दुमका, देवघर और चाईबासा) में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है। इसमें उनको कुल 14 साल की सजा हुई है। जुर्माने के तौर पर उनको अब तक 60 लाख रुपये देने पड़े थे। चाईबासा में 37 करोड़ की अवैध निकासी का पहला मामला था। उसमें पांच साल की सजा हुई थी।
रांची : चारा घोटाले के डोरंडा ट्रेजरी मामले में जमानत की आस लगाए बैठे RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को एक बार फिर मायूसी मिली है। झारखंड हाईकोर्ट ने CBI को काउंटर एफिडेविट फाइल करने की मोहलत देते हुए उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई 22 अप्रैल तक टाल दी है। शुक्रवार को कोर्ट ने जांच एजेंसी को आखिरी मौका दिया और इस मामले की सुनवाई की नई तारीख दी। बता दें कि बिहार (Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री को 21 फरवरी को सजा सुनाई गयी थी। तभी से वे जेल में बंद हैं। हालांकि तबीयत खराब होने के कारण लगातार उनका ट्रीटमेंट भी चल रहा है।
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पहले भी टल चुकी है सुनवाई
इस मामले में लालू प्रसाद यादव ने बीमारियों का हवाला देते हुए हाईकोर्ट से राहत मांगी है। लालू यादव ने 24 फरवरी को सीबीआई कोर्ट के आदेश के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की थी। जिस पर चार मार्च को सुनवाई हुई थी, लेकिन अदालत ने याचिका में त्रुटियों को दुरुस्त करने का निर्देश देते हुए इसकी सुनवाई 11 मार्च को निर्धारित की थी। 11 मार्च को भी सुनवाई नहीं हो सकी थी। तब कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट से रिकॉर्ड मंगाने का निर्देश दिया था। उसके बाद एक अप्रैल की तारीख तय हुई लेकिन न्यायाधीश के कोर्ट नहीं आने के कारण उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी थी।
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डोरंडा कोषागार मामले में सजा काट रहे हैं लालू यादव
लालू यादव चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी मामले में सजा काट रहे हैं। 21 फरवरी को CBI की विशेष कोर्ट ने उन्हें पांच साल की सजा और 60 लाख का जुर्माना लगाया था। अपनी अपील में उन्होंने यह भी कहा है कि इस मामले में सजा की आधी अवधि जेल में पहले ही पूरी कर ली है। इस आधार पर उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए। इससे पहले 22 मार्च को किडनी में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली एम्स ले जाया गया था। जहां इलाज के बाद उन्हें रांची भेज दिया गया था।
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