सार
चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए अवैध निकासी की गई थी। शुरुआत में कुल 170 आरोपी बनाए थे। इनमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है। 15 फरवरी को CBI की विशेष कोर्ट ने इस केस में लालू समेत 40 लोगों को दोषी माना था।
रांची : चारा घोटाले में सजा काट रहे आरजेडी (RJD) चीफ लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ लालू जमानत पाने के लिए अर्जी लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ जिन दो मामलों में उन्हें जमानत मिली है, उसको लेकर सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। CBI ने सर्वोच्च न्यायालय में झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें लालू यादव को जमानत पर रिहा करने को मंजूरी दी गई है। वहीं कोर्ट भी इस याचिका पर सुनावाई को तैयार हो गया है। लालू यादव को नोटिस थमा दिया गया है। एक महीने बाद इस मामले की सुनवाई होगी।
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क्या है मामला
दरअसल, हाईकोर्ट ने दुमका और चाईबासा कोषागार मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को बेल देने का आदेश दिया है। लेकिन चारा घोटाले के दूसरे मामले में लालू दोषी हैं और जेल में सजा काट रहे हैं। इसी जमानत के आदेश को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। चूंकि लालू यादव झारखंड की जेल में है इसलिए झारखंड सरकार इस मामले की पक्षकार है। सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाी के दौरान CBI ने तर्क रखने हुए कहा कि जिस आधार पर लालू को बेल दी गई है वह गलत है, क्योंकि लालू ने ज्यादा दिन जेल में नहीं बिताया है। जबकि हाईकोर्ट का कहना है कि लालू पहले ही सजा का आधा समय जेल में बिता चुके हैं।
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डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले सजा
बता दें कि लालू यादव चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी मामले में सजा काट रहे हैं। 21 फरवरी को CBI की विशेष कोर्ट ने उन्हें पांच साल की सजा और 60 लाख का जुर्माना लगाया था। पिछली सुनवाई के दौरान उन्हें जमानत नहीं मिल पाई थी। सीबीआई कोर्ट से सजा मिलने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। लालू के वकील ने सुनवाई के दौरान अदालत में सभी जरूरी दस्तावेज पेश किए थे जिनको अदालत ने स्वीकार करते हुए निचली अदालत से रिकॉर्ड की मांग की थी। वहीं लालू की तबीयत भी खराब बताई जा रही है। उन्हें किडनी की समस्या है, दिल्ली एम्स भी उन्हें रेफर किया जा चुका है।
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