सार

इस मामले में लालू यादव और पूर्व सांसद आरके राणा सहित 26 अभियुक्तों के खिलाफ ट्रायल चल रहा है। सीबीआइ कोर्ट ने अभियुक्तों को शुक्रवार को अदालत में पेश होने के लिए कह रखा है। इसके लिए कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट जारी कर रखा है।

पटना : बिहार (Bihar) के भागलपुर-बांका कोषागार से 46 लाख रुपए की अवैध निकासी मामले में RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को आज पटना के CBI कोर्ट के सामने हाजिर होना था लेकिन नहीं हुए। ये पेशी वर्चुअली होनी थी लेकिन नहीं हो पाई। इस मामले में अब 30 मार्च को अगली सुनवाई होगी। बता दें कि इस मामले में लालू यादव और पूर्व सांसद आरके राणा सहित 26 अभियुक्तों के खिलाफ ट्रायल चल रहा है। सीबीआइ कोर्ट ने अभियुक्तों को शुक्रवार को अदालत में पेश होने के लिए कह रखा है। इसके लिए कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट जारी कर रखा है।

क्यों नहीं पेश हुए लालू यादव
दरअसल, बांका कोषागार अवैध निकासी मामले में त्रिपुरारी सिंह के खिलाफ सीबीआई ने कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी करने की अपील की है। त्रिपुरारी सिंह इस मामले में भी आरोपी हैं और अभी रांची के जेल में बंद हैं। उन्हें इस मामले में जोड़ने की सिफारिश भी कोर्ट से की गई है। इस कारण से कोर्ट में शुक्रवार को पेशी नहीं हो सकी। इस मामले में 16 फरवरी को सुनवाई हुई थी। लालू यादव को 25 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया गया था।

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21 फरवरी को डोरंडा कोषागार मामले में सजा

बता दें कि लालू यादव को 21 फरवरी को डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सजा मिली है। पांच साल की जेल और 60 लाख जुर्माने के बाद से लालू यादव की तबीयत खराब चल रही है। कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। रिम्स में उनका इलाज चल रहा है।

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लालू ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

इधर, पांच साल की सजा के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में अपील दायर की है। लालू प्रसाद यादव की ओर से दायर कि गई अपील में रांची सीबीआई की विशेष अदालत की सजा को निलंबित करने की गुहार लगाई है। लालू की ओर से मामले में याचिका दायर कर जमानत देने का आग्रह किया है। याचिका में कहा गया है कि वह 17 प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हैं। सजा की आधी अवधि पूरी होने के साथ-साथ उनकी बढ़ती उम्र के चलते कई ओर मुश्किलें भी आ रही हैं। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए जेल प्रशासन ने इलाज के लिए रिम्स भेज दिया है। ऐसे में स्वास्थ्य आधार पर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।

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