सार

Aaj Ka Panchang: 25 अगस्त को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि का योग बन रहा है। इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाएगा। गुरुवार को पहले पुष्य नक्षत्र होने से शुभ और बाद में अमृत नाम के शुभ योग इस दिन रहेंगे। 

उज्जैन. पंचांग के बारे में ग्रंथों में कहा गया है- तिथिर्वारश्च नक्षत्र योगः करण मेव च। एतेषां यत्र विज्ञानं पंचांग तन्निगद्यते।। इसका मतलब है - तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण की जानकारी जिसमें मिलती है, उसे पंचांग कहा जाता है। स्थिति, दूरी और गति के मान से ही पृथ्वी पर होने वाले दिन-रात और अन्य संधिकाल को विभाजित कर एक पूर्ण सटीक पंचांग बनाया जाता है। अगर ये कहा जाए कि पंचांग एक हिंदू कैलेंडर है तो गलत नहीं होगा। जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

आज करें मासिक शिवरात्रि व्रत
धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 25 अगस्त, गुरुवार को किया जाएगा। इस दिन दिन भर व्रत करने के बाद रात्रि में शिवजी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी परेशानियां दूर होती हैं और शिवजी की कृपा हमारे ऊपर बनी रहती हैं। धर्म ग्रंथों में इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है।  

25 अगस्त का पंचांग (Aaj Ka Panchang 25 August 2022)
25 अगस्त 2022, दिन गुरुवार को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि सुबह 10:38 तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी तिथि रात अंत तक रहेगी। इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाएगा। गुरुवार को सूर्योदय पुष्य नक्षत्र में होगा, जो शाम 04:16 तक रहेगा। इसके बाद आश्लेषा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। गुरुवार को पहले पुष्य नक्षत्र होने से शुभ और बाद में अमृत नाम के शुभ योग इस दिन रहेंगे। इनके अलावा वरियान और परिघ नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। इस दिन राहुकाल दोपहर  02:03 से 03:38 तक रहेगा।
   
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
गुरुवार को चंद्रमा कर्क में, सूर्य सिंह राशि में, बुध कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शुक्र कर्क राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दही या जीरा मुंह में डाल कर निकलें।

25 अगस्त के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- भादौ
पक्ष- कृष्ण
दिन- गुरुवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- पुष्य और आश्लेषा
करण- वणिज और विष्टि
सूर्योदय - 6:10 AM
सूर्यास्त - 6:47 PM
चन्द्रोदय - Aug 25 4:04 AM
चन्द्रास्त - Aug 25 5:54 PM
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:03 से 12:54 तक 

25 अगस्त का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 6:10 AM – 7:44 AM
कुलिक - 9:19 AM – 10:54 AM
दुर्मुहूर्त - 10:22 AM – 11:13 AM और 03:25 PM – 04:16 PM
वर्ज्यम् - 06:17 AM – 08:02 AM

हिंदू वर्ष का पांचवां महीना है सावन
पंचांग के अनुसार, हिंदू वर्ष का पांचवां महीना सावन है। इस महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में होता है, इसलिए इस महीने का नाम श्रावण रखा गया है। धर्म ग्रंथों में इस मास का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने में हरियाली अमावस्या, कजरी तीज, मंगला गौरी व्रत, नागपंचमी और रक्षाबंधन जैसे कई बड़े पर्व मनाए जाते हैं। इस महीने में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। श्रवण का अर्थ है सुनना। इस महीने में शिवजी के चरित्र को जानना और सुनना बहुत ही शुभ फलदाई माना जाता है। 


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