सार

ई श्रीधरन को कोलकाता से लेकर दिल्ली तक मेट्रो का कर्णधार कहा जाता है। यही वजह है कि लोग उन्हें मेट्रो मैन कहते हैं। श्रीधरन ने 88 साल की उम्र में भाजपा से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया है। उन्हें भाजपा ने पलक्कड़ से चुनाव मैदान में उतारा है। केरल में 6 अप्रैल को मतदान होना है। इससे पहले हमारे सहयोगी Asianet Newsable के  Yacoob ने श्रीधरन से खास बातचीत की।

तिरुवनंतपुरम. ई श्रीधरन को कोलकाता से लेकर दिल्ली तक मेट्रो का कर्णधार कहा जाता है। यही वजह है कि लोग उन्हें मेट्रो मैन कहते हैं। श्रीधरन ने 88 साल की उम्र में भाजपा से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया है। उन्हें भाजपा ने पलक्कड़ से चुनाव मैदान में उतारा है। केरल में 6 अप्रैल को मतदान होना है। इससे पहले हमारे सहयोगी Asianet Newsable के  Yacoob ने श्रीधरन से खास बातचीत की। 

सवाल: आप भाजपा को क्यों चुना, अन्य पार्टियों में शामिल क्यों नहीं हुए ?

ई श्रीधरन: केरल में पिछले 65 साल से एलडीएफ और यूडीएफ ने शासन किया है। इस दौरान, शायद ही कोई ठोस सुधार केरल में हुआ हो। आज केरल के आस पास के राज्य जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है। वहीं, केरल अभी भी कई मामलों में पीछे है। हम खाने के सामानों, ऊर्जा यहां तक की मजदूर के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर हैं। 

केरल में पिछले 20 साल से कोई उद्योग नहीं आया। यहां रोजगार के अवसर नहीं है। हमारे लोग पढ़े लिखे हैं, फिर भी उन्हें केरल से बाहर मुंबई, बेंगलुरु और दुबई जैसी जगहों पर रोजगार के लिए जाना जाता है। लेकिन बाहर से केरल ठीक लगता है। सभी मानव सूचकांक भी यहां बहुत अच्छे हैं क्योंकि बड़ी मात्रा में पैसा केरल में बाहर से आता था, यह अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करता है।

इसलिए स्थितियों को देखें, मुझे लगा कि राज्य के मामलों को ठीक करने के लिए कुछ करना होगा। यहां जरूरी विकास कार्य होने चाहिए। नए उद्योग आने चाहिए। इसलिए मैंने 67 साल सरकार के साथ काम करने के बाद मुझे लगा कि यह सही समय है, जब हमें राजनीति में आना चाहिए। मैंने जब देखा कि दोनों पार्टियों ने राज्य के विकास के लिए ठीक से काम नहीं किया। भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए। भाजपा ही अकेली पार्टी है, जो वादे पूरा कर सकती है। इसलिए मैं शामिल हो गया। 

सवाल : विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में कैसे सोचा?
ई श्रीधरन : मैं सरकार के साथ 67 साल से काम कर रहा हूं। मेरे पास देश के लिए अहम प्रोजेक्ट करने के कई मौके आए। मुझे लगा कि इन 67 साल के अनुभव का राज्य की भलाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए मैंने राजनीति में आने का फैसला किया। 

सवाल :  भाजपा केरल में जमीन हासिल करने में जुटी है, लेकिन क्या उसे एलडीएफ और यूडीएफ के दावेदार के तौर पर स्वीकार किया जा रहा है?
ई श्रीधरन : हर नई पार्टी इसी तरह से काम करेगी। इससे पहले केरल में भाजपा का ज्यादा कुछ नहीं था। लेकिन इसमें लगातार सुधार हो रहा है। यह पिछले 2 चुनाव में देखने को भी मिला। भाजपा का वोट 17.5% था। इस बार इसके 10-15% और बढ़ने की उम्मीद है। 

सवाल :  राजनीति को आप कैसे परिभाषित करेंगे?
ई श्रीधरन : मुझे लगता है कि भारत में राजनीति कुछ इस तरह है कि कुछ लोग यहां करियर बनाने आते हैं। शायद ही कुछ लोग देश के लिए कुछ करने के लिए राजनीति में आते हैं। 

सवाल :  केरल के लिए आपके क्या विजन हैं?
ई श्रीधरन :  हम चाहते हैं कि केरल में निवेश आए। उद्योग आएं। हम चाहते हैं कि बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनें। हम चाहते हैं कि शिक्षा का स्तर बढ़े। शॉर्ट में कहूं कि हम ऐसी सरकार चाहतें हैं, जिनपर भ्रष्टाचार का आरोप ना लगे। हम ऐसी सरकार चाहते हैं तो प्रशासन में बेहतर वर्क कल्चर लाए, जो लोगों के हितों को देखे। 

सवाल : सीएए के बारे में आप क्या सोचते हैं, क्या आप अपनी पार्टी की नीतियों का समर्थन करते हैं?
ई श्रीधरन :  हां मैं पूरी तरह से केंद्र सरकार के कामों का समर्थन करता हूं। 

सवाल: सबरीमाला चुनाव का प्रमुख मुद्दा है, इस मामले में भाजपा और यूडीएफ ने सरकार पर आरोप लगाए हैं कि वह भक्तों के हितों से खेल रही है, आप इस बारे में क्या सोचते हैं?
ई श्रीधरन : देखिए, उस वक्त एलडीएफ सरकार सत्ता में थी। उन्होंने तीर्थयात्रियों के विश्वासों और भावनाओं को रौंद डाला। वे हिंदू संस्कृति पर हमला करना चाहते थे। वे जानबूझकर ऐसा करने चाहते थे। पुलिस ने एक महिला को पकड़ा, उनमें से एक मुस्लिम थी। मुस्लिमों का मंदिर में जाना मना नहं है। लेकिन एक महिला क्यों? बस भक्तों के विश्वासों, संस्कृति और भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए किया गया। 

सवाल:  वे कौन से मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर आप लोगों के पास जा रहे हैं?
ई श्रीधरन :  मैं लोगों के पास विकास के मुद्दों पर जा रहा हूं। मैं बुनियादी विकास चाहता हूं। मैं ऐसा माहौल बनाना चाहता हूं कि बाहर से निवेश आए। केरल के लोग निवेश के लिए तैयार हैं, अगर उन्हें अच्छा माहौल और प्रोत्साहन मिले। 
 
सवाल: हाल ही में आपने एक इंटरव्यू में कहा कि भाजपा केरल में किंग मेकर की भूमिका में होगी, आपके इस दावे के पीछे क्या आधार है?
ई श्रीधरन : - हां, मेरे भाजपा में शामिल होने के बाद मैंने देखा कि भाजपा की छवि पूरी तरह बदल गई है। मैं देखा कि लोगों का मूड भाजपा की तरफ बढ़ रहा है। इसी के आधार पर में 40-75 सीटों का अंदाजा लगा रहा हूं। अगर वे (अन्य पार्टियां) 70 से ज्यादा सीटें लाती हैं, तो वे सरकार बना सकती हैं, नहीं तो हम किंगमेकर होंगे। 

सवाल:  पलक्कड़ से आपको कैसी प्रतिक्रिया मिल रही है?
ई श्रीधरन : लोग काफी उत्साहित हैं। वे काफी खुश हैं, उनमें से कई मेरी तरफ आकर्षित हुए, इसकी वजह है मेरी छवि और मेरा कद, जो सिर्फ राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश में है। इसलिए मैं खुश हूं, मुझे विश्वास है कि मेरा बिना कठिनाई के अपनी सीट जीतूंगा। 

सवाल : मान लीजिए, 2 मई को भाजपा जीतती है, तो क्या आप मुख्यमंत्री होंगे?
ई श्रीधरन : यह पार्टी तय करेगी। भाजपा लोकतांत्रिक पार्टी है। इसलिए उस समय इसे तय किया जाएगा। उन्होंने मुझसे कोई वादा नहीं किया और ना ही मैंने इस बारे में कोई गारंटी ली या पूछा। 

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