सार

कोरोना वायरस महामारी के चलते बच्चों के स्कूल बंद हैं। ऐसे में, अब ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था की जा रही है। ट्यूटर्स भी इंटरनेट के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इसमें पेरेन्ट्स को कुछ खास सावधानी बरतने की जरूरत पड़ सकती है।

लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस महामारी के चलते बच्चों के स्कूल बंद हैं। ऐसे में, अब ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था भी की जा रही है। ट्यूटर्स भी इंटरनेट के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इसमें पेरेन्ट्स को कुछ खास सावधानी बरतने की जरूरत पड़ सकती है। इंटरनेट एक ऐसा माध्यम है, जिसका इस्तेमाल अगर बड़े लोग भी सावधानी से नहीं करें तो किसी तरह की परेशानी में पड़ सकते हैं। बच्चों के साथ यह समस्या ज्यादा हो सकती है। इसलिए बच्चों को यह बताना जरूरी है कि इंटरनेट का इस्तेमाल कैसे, कब और कितना किया जाना चाहिए। जानें कुछ टिप्स।

1. जरूरत के समय ही करें इस्तेमाल
बच्चों का कम्प्यूटर पर हर समय ऑनलाइन बने रहना ठीक नहीं होता। देर तक कम्प्यूटर का इस्तेमाल करने से आंखों और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। कम्प्यूटर पर ज्यादा वक्त बिताने के कारण बच्चों की शारीरिक गतिविधियां भी कम हो जाती हैं, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। इससे उनकी नींद भी कम हो जाती है और मानसिक तनाव बढ़ता है। इसलिए जरूरत के समय ही बच्चों को कम्प्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल करने दें।

2. ऑनलाइन गतिविधियों पर रखें नजर
इंटरनेट की दुनिया बहुत ही अजीब है। इसमें कई ऐसी चीजें हैं जो बच्चों के लिए सही नहीं हो सकतीं। इंटरनेट पर अगर बच्चों को खुला छोड़ दें तो वे कोई ऐसी भी साइट खोल सकते हैं, जो उनके लिए सही नहीं हो। इसलिए बच्चों के कम्प्यूटर में उन्हीं एप्लिकेशन को रखना चाहिए, जो पढ़ाई या खेल से जुड़े हों। इसके अलावा, इस पर हमेशा नजर रखें कि बच्चा इंटरनेट पर क्या देखता है। उसे इसके बारे में सलाह भी दें।

3. ऑनलाइन उत्पीड़न और धमकी
आजकल इंटरनेट पर ऐसे लोग और ग्रुप एक्टिव होते हैं जो बच्चों को ऑनलाइन देख कर उनका यौन उत्पीड़न करने या डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं। यह बात काफी आम है। ऐसा होने पर बच्चे डर जाते हैं और कई बार ऐसे गिरोहों के चंगुल में फंस जाते हैं। इसलिए बच्चों को सतर्क कर दें। बच्चों के सिस्टम को इस तरह सेफ कर दें कि वे ऑनलाइन उत्पीड़न के शिकार नहीं बन सकें।

4. कम्प्यूटर गेम्स से रखें दूर
आजकल कम्प्यूटर पर ऑनलाइन ऐले कई गेम हैं, जिनमें हिंसा दिखाई जाती है। इसका बच्चों के मन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। कई गेम्स में कुछ तरह के चैलेंज दिए जाते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए कहा जाता है। बच्चे ऐसे गेम्स में सम्मोहन के शिकार हो जाते हैं और कोई भी खतरनाक कदम उठा सकते हैं। इसलिए बच्चों को ऐसे गेम्स से दूर रखें।

5. कम्प्यूटर में रखें एजुकेशनल एप्लिकेशन्स
बच्चों के कम्प्यूटर में उन्हीं एजुकेशनल एप्लिकेशन्स को रखें, जिनकी उन्हें जरूरत है। जो जरूरी ई-बुक्स और स्टडी मटेरियल हो, उन तक ही बच्चों की पहुंच होनी चाहिए। अगर कोई प्रिन्टेड बुक बच्चों के पास मौजूद हो तो उसे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। ऑनलाइन बच्चा अगर कोचिंग ले रहा हो, तो जरूर इस पर नजर रखें कि उसकी अपने टीचर या दोस्तों से किस तरह की बात होती है। इसके साथ ही, बच्चों से उनकी ऑनलाइन स्टडी के एक्सपीरियंस पर भी चर्चा करें। इससे उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ेगा।