सार
कोरोनावायरस महामारी का संकट बढ़ता ही जा रहा है। इस महामारी की वजह से कुछ ऐसा परिस्थितियां बन जाती हैं, जिनमें घरेलू विवाद और झगड़े बढ़ रहे हैं। कई बार इसका बहुत बुरा परिणाम सामने आता है।
लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस महामारी का संकट बढ़ता ही जा रहा है। इस महामारी की वजह से कुछ ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं, जिनमें घरेलू विवाद और झगड़े बढ़ रहे हैं। कई बार इसका बहुत बुरा परिणाम सामने आता है। लॉकडाउन में काफी लोगों के काम-धंधे छूट गए हैं। छोटा-मोटा व्यवसाय करके घऱ चलाने वाले लोगों की हालत खराब है। ज्यादातर लोग इस चिंता में डूबे रहते हैं कि पता नहीं आगे क्या होगा। वहीं, लोग अपने दोस्तों और करीबी संबंधियों से भी कट गए हैं। उन्हें दूर रहने वाले उन बुजुर्गों की भी चिंता है होती है, जो अक्सर बीमार रहते हैं। कई लोगों के यहां तय हुई शादियां नहीं हो पाईं। तनाव की कोई एक वजह नहीं है। ऐसे में, लोग मामूली बातों पर भी झुंझला उठते हैं और उनमें वाद-विवाद शुरू हो जाता है। घर में एक बार लड़ाई होने पर उसका असर लंबे समय तक बना रहता है। इससे नेगेटिविटी बढ़ती है और जो लोग पहले से ही किसी न किसी तरह की चिंता में हैं, उनका तनाव और ज्यादा बढ़ जाता है। जानें, ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए।
1. विवाद की बातों से बचें
सबसे बेहतर है कि उन बातों से बचने की कोशिश करें, जिन्हें लेकर विवाद हो सकता है। अक्सर घरेलू झगड़े छोटी-छोटी बातों को लेकर होते हैं। जब ये झगड़े खत्म होते हैं, तब एहसास होता है कि ये बहुत ही मामूली बातें थीं। इन्हें लेकर किसी तरह का तनाव पैदा नहीं करना चाहिए था।
2. शांत रहने की कोशिश करें
अगर किसी ने गु्स्से और उत्तेजना में आपको कुछ कह दिया हो तो शांत रहने की कोशिश करें। पलट कर जवाब नहीं दें। जवाब देने से झगड़ा बढ़ता है। अगर कोई बार-बार ऐसी बातें बोल रहा हो, जिनसे गुस्सा आ सकता है, तो बेहतर होगा कि उस जगह से कुछ देर के लिए हट जाएं।
3. गुस्से की वजह समझने की कोशिश करें
अक्सर पति-पत्नी के बीच झगड़े ज्यादा होते हैं। पति या पत्नी में कोई एक गुस्से में हो और उत्तेजित होकर अनाप-शनाप बोल रहा हो, तो दूसरे को उसके गुस्से की वजह को समझने की कोशिश करनी चाहिए। जब आप ऐसा करेंगे, तो गुस्से में प्रतिक्रिया नहीं देंगे।
4. संवेदनशील रहें
घर की व्यवस्था संभालने में औरतों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है, खास कर साधारण परिवारों की औरतों को। उच्च मध्य वर्ग और अमीर वर्ग की औरतें शानदार जीवन जीती हैं और उनके झगड़े अलग किस्म के होते हैं। वहीं, सामान्य परिवारों की औरतों को सुबह से देर रात तक काम करना पड़ता है और जब आमदनी कम रह गई हो या पति बेरोजागर हो गया हो, तो उनकी मानसिक परेशानी समझी जा सकती है। ऐसे में, अगर वे कभी कुछ कड़वी बातें बोल देती हैं, तो उनकी भावनाओं को समझना चाहिए।
5. सकारात्मक रवैया अपनाएं
कोरोना संकट के इस दौर में हमेशा सकारात्मक रवैया अपनाएं। छोटी-मोटी बातों पर विवाद करने से नुकसान होगा। कोई अगर ऐसा करता हो, तो उसे इग्नोर करें। बच्चों को डांटे-फटकारें नहीं। सबसे प्यार और सहानुभूति से बात करें। अगर परिवार में आर्थिक दिक्कतें हैं, तो मिल-बैठ कर सोचें कि इसका क्या समाधान हो सकता है। कोई भी समस्या ऐसी नहीं, जिसका कुछ समाधान नहीं हो।