बच्चे जिद करें तो भी उनको ना खिलाएं ये 5 चीजें, दिल हो जाएगा वीक
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मिठाईयाँ
अपने बच्चे को मिठाईयाँ देना बंद करें. मिठाईयों में बहुत अधिक कैलोरी होती है. यह दिल के लिए हानिकारक है. मीठे खाद्य पदार्थ शरीर में सूजन को बढ़ाते हैं. अधिक मात्रा में चीनी के सेवन से दांतों के अंदर बैक्टीरिया पनपते हैं, जिससे दांतों में सड़न और कैविटी की समस्या हो सकती है. इसके अलावा, अधिक चीनी वाले खाद्य पदार्थ मोटापे को बढ़ावा देते हैं.
शरीर में आवश्यकता से अधिक कैलोरी जमा होने के कारण बच्चे मोटे हो सकते हैं, जिससे वजन बढ़ने और मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. मिठाई खाने से शरीर में तुरंत ऊर्जा का स्तर बढ़ सकता है, लेकिन बाद में यह घट जाता है. इससे बच्चों में चिड़चिड़ापन और बार-बार खाने की इच्छा पैदा हो सकती है.
चीनी का अधिक सेवन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकता है, जिससे उनमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है. इसलिए मिठाईयों को अपने बच्चों से दूर ही रखें.
पिज्जा, बर्गर जैसे खाद्य पदार्थ
हालांकि आपके बच्चे को पिज्जा, बर्गर जैसे फास्ट फूड कभी-कभी पसंद आ सकते हैं, लेकिन इनका अधिक सेवन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है. फास्ट फूड में उच्च मात्रा में वसा, नमक और खराब कोलेस्ट्रॉल बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं.
फास्ट फूड कैलोरी और वसा से भरपूर होते हैं. इनका अधिक सेवन करने से वजन बढ़ सकता है और मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. ये बच्चों में मोटापे का कारण बन सकते हैं. फास्ट फूड में नमक (सोडियम) की मात्रा अधिक होने के कारण बच्चों में उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है.
फास्ट फूड में पोषक तत्वों की कमी होती है, इसलिए इनका अधिक सेवन बच्चों में अस्वास्थ्यकर भोजन की आदतें और खाली कैलोरी की खपत को बढ़ावा देता है. इससे उनके शरीर को आवश्यक विटामिन, खनिज आदि की कमी हो सकती है. फास्ट फूड में स्वाद बढ़ाने के लिए उच्च मात्रा में अस्वास्थ्यकर वसा और स्वाद बढ़ाने वाले पदार्थ मिलाए जाते हैं, जो बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं. वे अति सक्रियता, थकान और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का अनुभव कर सकते हैं.
हालांकि फास्ट फूड से पूरी तरह बचना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इनका सेवन कम करने से बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा हो सकती है.
चॉकलेट
चॉकलेट बच्चों का पसंदीदा भोजन हो सकता है, लेकिन इसका अधिक सेवन उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. चॉकलेट में चीनी, वसा और विभिन्न रसायनों की मात्रा अधिक होती है, जो बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य और मनोदशा को प्रभावित कर सकती है.
चॉकलेट में मौजूद अधिक मात्रा में चीनी, बैक्टीरिया को दांतों पर जमाकर कैविटी (दांतों में छेद) का कारण बन सकती है. इससे दांतों का विकास बाधित हो सकता है और दांतों से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. चॉकलेट में मौजूद अधिक वसा और कैलोरी वजन बढ़ाने का कारण बनती है. इससे मोटापा हो सकता है और लंबे समय में बच्चों में मेटाबॉलिज्म और हृदय संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
अधिक मात्रा में चॉकलेट का सेवन कम उम्र में ही मधुमेह (Diabetes) का कारण बन सकता है, जिससे शरीर में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है. चॉकलेट में मौजूद कैफीन और चीनी बच्चों के मूड को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है. कुछ बच्चों में यह अति सक्रियता और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का कारण बन सकती है.
बच्चों को सीमित मात्रा में ही चॉकलेट दें और ध्यान रखें कि वे इसका अधिक सेवन न करें. इससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा होती है.
चिप्स
चिप्स बच्चों को बहुत पसंद होते हैं, लेकिन इनका अधिक सेवन उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. चिप्स में नमक, वसा, कैलोरी और रसायनों की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इनका लंबे समय तक सेवन बच्चों के स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित कर सकता है.
चिप्स में उच्च वसा और कैलोरी सामग्री के कारण, इनका अधिक सेवन बच्चों में मोटापे का कारण बन सकता है. चिप्स में नमक (सोडियम) की मात्रा अधिक होने के कारण बच्चों में उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ सकता है. लंबे समय में, यह हृदय रोगों का कारण बन सकता है.
चिप्स में मौजूद कृत्रिम तत्व और कीटनाशक अवशेष बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकते हैं, जिससे वे बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं.
बच्चों को बार-बार चिप्स खाने से रोकना चाहिए, खासकर विकासशील बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए चिप्स से परहेज करना चाहिए.
कोल्ड ड्रिंक्स
बच्चे भले ही कोल्ड ड्रिंक्स (शीतल पेय) पसंद करते हों, लेकिन इनका बार-बार सेवन उनके स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती पर कई तरह के दुष्प्रभाव डाल सकता है. कोल्ड ड्रिंक्स में चीनी, कैफीन और कृत्रिम रसायनों की मात्रा अधिक होती है, जो बच्चों के शारीरिक विकास और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है.
अधिक चीनी वाले कोल्ड ड्रिंक्स के बार-बार सेवन से शरीर में इंसुलिन का उत्पादन प्रभावित हो सकता है, जिससे कम उम्र में ही मधुमेह (Diabetes) होने का खतरा बढ़ जाता है. कोल्ड ड्रिंक्स में मौजूद कैफीन बच्चों की नींद, एकाग्रता और सीखने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है. अधिक कैफीन के सेवन से बच्चों में अति सक्रियता, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और चिड़चिड़ापन हो सकता है.
कोल्ड ड्रिंक्स में उच्च मात्रा में कार्बोनेटेड पानी और खाली कैलोरी होती है, इसलिए इनका अधिक सेवन शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के बजाय बच्चों के शारीरिक विकास को प्रभावित कर सकता है.
कोल्ड ड्रिंक्स के बजाय, बच्चों को पानी, फलों का रस, या प्राकृतिक पेय पदार्थ देना बेहतर होता है. चीनी रहित या कम कैलोरी वाले पेय पदार्थों को विकल्प के रूप में पेश किया जा सकता है.