सार

साल 2025 में कैंसर से बचाव के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट जरूर कराएं। ब्रेस्ट, लंग, प्रोस्टेट, सर्वाइकल, और कॉलेक्टरल कैंसर के लिए स्क्रीनिंग आपकी सुरक्षा की पहली कदम है।

हेल्थ डेस्क: साल 2024 में लोगों ने स्वास्थ्य से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना किया। एक बीमारी जिसने लोगों की नींद उड़ा दी वो है कैंसर। बॉलीवुड सेलिब्रिटी हो या फिर आपके परिवार का कोई सदस्य, कैंसर ने हर जगह दस्तक दी। न्यू ईयर 2025 में आप कैंसर के खतरे से बचने के लिए ठोस कदम उठाएं। जानिए नए साल में कैंसर की कौन-सी स्क्रीनिंग कराकर आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। 

ब्रेस्ट कैंसर के लिए मैमोग्राम

40 से 44 वर्ष की महिलाएं को हर साल मैमोग्राम कराना चाहिए। मैमोग्राम के दौरान ब्रेस्ट की एक्स-रे पिक्चर्स ली जाती हैं। जिससे ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में पता चलता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार जिस परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास रह चुका हो, उन्हें हर साल मैमोग्राम जांच करानी चाहिए। शुरुआती ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करना आसान हो जाता है।

नए साल में जरूर कराएं लंग कैंसर स्क्रीनिंग

कम उम्र से लेकर अधिक उम्र तक के लोगों के बीच स्मोकिंग और तंबाकू का सेवन बहुत बढ़ गया है। इस कारण से लंग कैंसर भी पैर पसार रहा है। जो लोग 1 दिन में 20 सिगरेट तक पीते हैं, उन्हें अपने फेफड़ों की स्क्रीनिंग हर साल करनी चाहिए। अगर आप स्मोकिंग छोड़ चुके हैं या फिर उम्र 50 से 80 वर्ष के बीच है, उन्हें भी कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन की मदद से लंग स्क्रीनिंग करानी चाहिए। समय पर फेफड़ों का कैंसर डायग्नोज होने पर इलाज कराया जा सकता है।

कराएं प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग

40 की उम्र के बाद पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर का ज्यादा खतरा रहता है। कैंसर के खतरे से बचने के लिए प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन ब्लड टेस्ट कराया जा सकता है। अगर व्यक्ति में PSA लेवल हाई होता है तो अधिक चांस होते हैं कि व्यक्ति को प्रोस्टेट कैंसर है। इस बारे में आप डॉक्टर से अधिक जानकारी ले सकते हैं।

सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग

सर्वाइकल कैंसर की जांच करने के लिए डॉक्टर सर्विक्स या उसके आस-पास की सेल्स और म्यूकस सैंपल को लेब टेस्टिंग के लिए भेजते हैं। एचपीवी टेस्ट की मदद से वायरस के बारे में जानकारी मिलती है और सर्वाइकल कैंसर का भी पता चलता है। 18 साल की उम्र के बाद सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग कराई जा सकती है।

कॉलेक्टरल कैंसर स्क्रीनिंग 

एक्सपर्ट की मानें तो कोलन कैंसर दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। चूंकि कोलन कैंसर के शुरुआती लक्षण जल्द नजर नहीं आते है इसलिए हर साल जांच कराना बेहद जरूरी हो जाता है। 45 से 75 साल की उम्र में हर साल सिग्मोयडोस्कोपी और कोलोनोस्कोपी स्क्रीनिंग करनी चाहिए।

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