सार
प्याज और लहसुन को ज्यादा तापमान पर पकाने से हानिकारक ट्रांस फैटी एसिड उत्पन्न होते हैं, जो दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा सकते हैं। स्टडी के अनुसार, सल्फर युक्त सब्जियों और हाई हीट कुकिंग से बचें। हार्ट हेल्थ के लिए सही तेल और तापमान का इस्तेमाल करें।
हेल्थ डेस्क: प्याज-लहसुन न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि शरीर को भी कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। हाल ही में जापान में हुए एक अध्ययन में चौंकाने वाली बात सामने आई है। स्टडी में बताया गया है कि अगर प्याज और लहसुन को हाई टेंपरेचर पर पकाया जाता है तो हानिकारक ट्रांस फैटी एसिड (TFAs) उत्पन्न होते हैं। ट्रांस फैटी एसिड हार्ट के लिए खतरनाक होते हैं। जनिए कैसे हाई टेंपरेचर में पकाया गया प्याज-लहसुन आपके दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ा देता है।
ज्यादा तापमान फैटी एसिड बनने का कारण
वेजीटेबल तेल में जब प्याज और लहसुन पकाया जाता है तो हानीकारक तत्व नहीं पैदा होते हैं। खतरा तब बढ़ जाता है जब तेल का तापमान 150 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाता है। ट्रांस-आइसोमेराइजेशन नामक प्रक्रिया से गुजरने पर ट्रांस फैट पैदा होते हैं जो आपके खाने को शरीर के लिए नुकसानदायक बना देते हैं।
प्याज के इस तत्व के कारण बढ़ता है खतरा
मेजो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर का कहना है कि लहसुन और प्याज के साथ उन सभी सब्जियों से ट्रांस फैटी एसिड उत्पन्न होगा, जिसमें सल्फर है। सल्फर युक्त यौगिक ट्रांस फैटी एसिड बनाने में मदद करते हैं। स्टडी में आइसोथियोसाइनेट्स और पॉलीसल्फाइड्स के ट्राइसिलग्लिसरॉल्स पर किए गए परिक्षण शामिल किए गए। आपको बताते चले कि वेजीटेबल ऑयल में ट्राइसिलग्लिसरॉल्स मुख्य कम्पोनेंट होता है।
दिल की बीमारी का खतरा
ट्रांस फैटी एसिड दिल की धमनी में जमा हो जाता है। इस कारण से ब्लड फ्लो रुकता है और व्यक्ति के हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप अपनी हार्ट हेल्थ अच्छी रखना चाहते हैं तो प्याज और लहसुन को अधिक तापमान में पकाने से बचें। नारियल, एवोकोडो ऑयल, सोयाबीन तेल आदि का इस्तेमाल करें।
एक बार इस्तेमाल किए गए तेल को प्याज और लहसुन तलने के लिए इस्तेमाल न करें।दोबारा इस्तेमाल किए गए तेल से ट्रांस फैटी एसिड अधिक बनने का खतरा बढ़ जाता है। बेहतर होगा कि तलने के लिए हमेशा फ्रेश तेल का इस्तेमाल करें।
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