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जर्नल बीएमजे मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, यह खोज मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कैलोरी मुक्त कैफीनयुक्त पेय को जोड़ सकती है। हालांकि इसे लेकर और शोध की जरूरत है।

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टाइप 2 डायबिटीज लाइफस्टाइल की खराबी की वजह से होता है। शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन (एक हार्मोन) का प्रोडक्शन नहीं करता है या इसके प्रोडक्शन का विरोध करता है। एक्सेटर यूनिवर्सिटी के सीनियर लेक्चरर और स्टडी के को-राइटर  डॉ कैटरीना कोस ने कहा, 'यह स्टडी अधिक कॉफी पीना रिकमेंड यानी अनुशंसा नहीं करता है। यह इस शोध का उद्देश्य नहीं था।

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शोधकर्ताओं ने मेंडेलियन रैंडमाइजेशन नामक एक तकनीक का इस्तेमाल किया,जो जेनेटिक एविडेंस के माध्यम के कारण और प्रभाव को स्थापित करता है। कैफीन मेटाबॉलिज्म की गति के साथ दो सामान्य जीन वेरिएंट पाए गए, जो अंतत कम बीएमआई और शरीर में फैट से जुड़े थे।

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यह पाया गया कि टाइप 2 डायबिटीज जोखिम में कमी का लगभग आधा वजन घटाने से प्रेरित था।  कैफीन, जो चयापचय को बढ़ावा देने, वसा जलने में वृद्धि और भूख कम करने के लिए जाना जाता है। इस रोग को उलट सकता है।100mg के दैनिक सेवन से एक दिन में लगभग 100 कैलोरी तक एनर्जी लॉस कर कर सकता है।

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हालांकि, यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक के मेडिकल स्कूल में एसोसिएट क्लिनिकल प्रोफेसर डॉ स्टीफन लॉरेंस ने कहा कि मेंडेलियन मूल्यांकन की अपनी सीमाएं थीं क्योंकि यह पहले के विचारों के प्रति संवेदनशील था। भविष्य में इसे लेकर और शोध की जरूरत है। जिसकी वजह से पॉजिटिव ट्रीटमेंट किया जा सकता है।

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हालांकि, लेखकों ने इस स्टडी को विश्वास की बड़ी छलांग कहा। क्योंकि कैफीन के सेवन से वजन घटाने और डायबिटीज के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है। यह कैलोरी सेवन को कम करने का प्रभावी उपाय हो सकता है।