सार
diarrhea ke lakshan kya hain: डायरिया एक सामान्य पाचन स्थिति है जिसमें बार-बार पतला, पानी जैसा मल निकलता है। वक्त पर इलाज नहीं करने पर यह जानलेवा भी साबित होता है। आइए जानते हैं डायरिया के बारे में सबकुछ।
हेल्थ डेस्क. डायरिया बच्चों के लिए एड्स, मलेरिया और खसरे से भी अधिक खतरनाक होता है। इसकी वजह से प्रतिदिन 2,195 बच्चों की मौत होती है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 9 में से 1 बच्चे की मृत्यु का कारण डायरिया रोग है। इतना ही नहीं 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण बन गया है। बड़े उम्र के लोगों के लिए भी यह जानलेवा होता है। तो चलिए बताते हैं डायरिया क्या है और इसके लक्षण, कारण और ट्रीटमेंट क्या-क्या हैं।
डायरिया क्या है (what is diarrhea )
डायरिया को हिंदी और आम बोलचाल की भाषा में दस्त (Loose Motion in Hindi) भी कहते हैं। यह पाचन तंत्र से संबंधित एक विकार यानी डिसऑर्डर है। जिसमें मरीज को पतला, पानी जैसा मल निकलता है। डायरिया रोटावायरस के कारण होता है। हालांकि कुछ मामलों में साल्मोनेला या ई. कोलाई जैसे बैक्टीरिया से भी डायरिया हो सकता है। इसके साथ ही कुछ खास तरह की दवाओं के सेवन , हार्मोनल विकार या आंतों में सूजन के कारण भी दस्त की शिकायत हो सकती है।
डायरिया कितने तरह के होते हैं (Types of Diarrhea )
डायरिया तीन तरह के होते हैं। पहला है एक्यूट डायरिया जो सबसे कॉमन होता है। इसमें पतला दस्त होता है। शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाने से यह समस्या अपने-आप ठीक हो जाती है।
दूसरा है परसिस्टेंट डायरिया इसमें दस्त की समस्या 2-4 हफ्ते तक रहता है। इस स्थिति में दिन में तीन बार या उससे अधिक ढीले मल होते हैं।
तीसरा है क्रोनिक डायरिया इसमें दस्त की समस्या 4 हफ्ते से ज्यादा हो सकता है। जिससे मरीज की परेशानी बढ़ सकती है।
डायरिया होने की वजह (diarrhea causes)
डायरिया का मुख्य वजह रोटावायरस है जो आंतों पर बुरा असर डालता है। इसके अलावा डायरिया होने के कई कारण हैं-
गंदा पानी पीना
इंफेक्शन होना
गंदा भोजन करना
वायरल इंफेक्शन होना
फूड पोइजनिंग होना
खान-पान में एहतियात न बरतना
रेडिएशन थेरेपी कराना
किसी दवा का साइड इफेक्ट्स होना
डायरिया का इलाज (Treatment of Diarrhea)
डायरिया होने पर बार-बार दस्त होता है। जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी होने लगती है। जिससे मरीज कमजोर हो जाता है। डिहाइड्रेशन से जान भी जा सकती है। इसलिए डॉक्टर ओरआएस का घोल पीने की सलाह देते हैं। इसके साथ ढेर सारा लिक्विड लेने के लिए मरीज को कहते हैं।स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर इंट्रावीनस के माध्यम से शरीर में तरल पदार्थ पहुंचाते हैं। ताकि डिहाइड्रेशन की समस्या को दूर किया जा सकें। अगर डायरिया बैक्टीरिया की वजह से हुआ है तो फिर डॉक्टर कुछ दवाएं भी देते हैं।
डायरिया की रोकथाम
साफ पानी पीनें
स्ट्रीट फूड का सेवन बंद कर दें
ताजा और अच्छे से पका हुआ खाना खाएं
बार-बार हाथ धोएं और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें
बच्चों का खाना सफाई से बनाएं
बच्चों के स्वच्छता का खास ख्याल रखें।
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