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सेक्स के दौरान होता है दर्द, तो ये हाई कोलेस्ट्रॉल की भी हो सकती है निशानी,जानें इसके पीछे की वजह
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खराब खान-पान, एक्सरसाइज से दूरी की वजह से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल हाई हो जाता है। यह दिल की बीमारी को बढ़ा सकता है। इतना ही नहीं प्रजनन क्षमता (fertility) को भी प्रभावित कर देता है। सेक्सुअल डिजायर पर भी असर डालता है।
थ्रोम्बोसिस के जोखिम को बढ़ा सकता
शुगर और कोलेस्ट्रॉल एक दूसरे से जुड़े होते हैं। जर्नल ऑफ मेटाबोलिक सिंड्रोम के मुताबिक शुगर और अन्य कार्बोहाइड्रेट खाने से ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ता है और गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) कम हो जाता है। यह एलडीएल मॉलिक्यूल में भी चेंज ला सकता है। यह निष्क्रिय एलडीएल धमनियों के तेजी से बंद होने और थ्रोम्बोसिस के जोखिम को बढ़ा सकता है।
कामेच्छा को कम कर सकता है
डिस्लिपिडेमिया कोलेस्ट्रॉल कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल, ट्राइग्लिसराइड्स और हाई डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन (HDL) जैसे लिपिड के बीच असंतुलन हो जाता है। महिलाओं के लिए भी हाईकोलेस्ट्रॉल खतरनाक होता है। जहां हाईकोलेस्ट्रॉल की वजह से पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन होता है। वहीं महिलाओं के सेक्सुअल हेल्थ को यह प्रभावित करता है। कामेछा (low libido)) कम हो सकती है।
सेक्स में नहीं आता मजा
जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल मेडिसिन की स्टडी बताती है कि डिस्लिपिडेमिया कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित महिलाओं में कामोत्तेजना में कमी, लुब्रिकेशन (lubrication), दर्द और यौन संतुष्टि की दिक्कत अधिक होती है। healthshots में छपे रिपोर्ट के मुताबिक एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) महिला यौन समस्याओं और डिस्लिपिडेमिया के बीच की मुख्य कड़ी है। एथेरोस्क्लेरोसिस एक सामान्य स्थिति है, जिसमें स्टिकी पदार्थ प्लाक आर्टरी के अंदर बनने लगता है।
सेक्स हो सकता है दर्द से भरा
एक महिला जब उत्तेजित होती है तो जननांगों में ब्लड वेसल्स का विस्तार होता है। ताकि उस क्षेत्र में अधिक ब्लड का बहाव हो। इससे शरीर सेक्स के लिए तैयार होता है। यह लुब्रिकेशन में मदद करता है। हाई कोलेस्ट्रॉल में ब्लड का बहाव ठीक से नहीं होता है। जिसकी वजह से योनि पर्याप्त रूप से लुब्रिकेट नहीं हो पाती है। इससे सेक्स दर्द भरा होता है।
प्रजनन में भी देरी
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में किये गये अध्ययन के अनुसार दोनों पार्टनर में कोलेस्ट्रॉल लेबल हाई होता है उन्हें गर्भावस्था तक पहुंचने में वक्त लगता है। हाई कोलेस्ट्रल फर्टिलिटी को प्रभावित करता है। लाइफस्टाइल में बदलाव और वजन कम करके हाई कोलेस्ट्रॉल पर काबू पाया जा सकता है।
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