सार

Woman living healthy life with pig kidney: सुअर की किडनी का इंसानी शरीर में सफल प्रत्यारोपण: टोवाना लूनी दुनिया की पहली महिला बनीं, जिनकी किडनी फेल होने पर जेनोट्रांसप्लांटेशन के जरिए सुअर की अनुवांशिक रूप से संशोधित किडनी लगाई गई।

हेल्थ डेस्क: अंग खराब होने पर दूसरे इंसान का अंग इस्तेमाल करने की बात आपने जरूर सुनी होगी। साइंस इतनी तरक्की कर चुका है कि इंसानी अंग की अनुपस्थिति में जानवर के अंग प्रत्यारोपण में काम आ रहे हैं। अमेरिका के अलबामा में 53 साल की महिला की किडनी फेल हो गई थी। करीब 8 साल से ऑर्गन ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रही महिला को डोनर नहीं मिला। फिर जेनिटिकली मोडीफाइड (अनुवांशिक संशोधन के बाद) सुअर की किडनी को महिला में प्रत्यारोपित किया गया। टोवाना लूनी दुनिया की पहली महिला हैं जो सुअर के अंग के साथ स्वस्थ्य जीवन जी रही हैं।

आखिरी विकल्प था सुअर की किडनी 

टोवाना लूनी को 1999 में किडनी फेलियर की समस्या हुई। पहनी किडनी महिला ने अपनी बीमार मां को दे दी। दूसरी किडनी प्रेग्नेंसी के दौरान आने वाले कॉम्प्लिकेशंस और हाई ब्लड प्रेशर के कारण फेल हो गई। इसके बाद लूनी के पास किडनी ट्रांसप्लांट करने के अलावा कोई भी हल नहीं था। 2016 तक लूनी डायलिसिस पर थी और किडनी ट्रांसप्लांटकी सूची में उसका नाम रखा गया था। जब 8 साल तक कोई सफलता नहीं मिली तो लूनी अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की मदद से कार्यक्रम में शामिल हुईं। कार्यक्रम के दौरान पता चला कि सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट पर प्रयोग जारी है। 

10 बार किए गए अनुवांशिक परिवर्तन

जानवरों से इंसानों के शरीर में ट्रांसप्लांटेशन की प्रक्रिया को जेनोट्रांसप्लांटेशन कहते हैं। डॉक्टरों ने जानकारी दी कि लूनी को सूअर की किडनी लगाने से पहले करीब 10 बार अनुवांशिक परिवर्तन किए गए थे। सर्जरी के करीब 30 दिन बाद भी लूनी का स्वास्थ अच्छा है। डॉक्टर्स को लगता है कि यह एक तरह का आशीर्वाद है जिसने लूनी को दोबारा जीवन जीने का मौका दिया है।

जानवरों के अंग मनुष्य के लिए आशा की किरण

लैंगोन समाचार विज्ञप्ति के अनुसार अमेरिका में 104,000 लोगों का नाम ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन की लिस्ट में शामिल है। उनमें से करीब 90,400 से ज्यादा लोग किडनी के लिए इंतजार कर रहे हैं। वहीं अगर किडनी रोगियों की संख्या की बात की जाए तो 8 लाख से ज्यादा लोग किडनी की लास्ट स्टेज से गुजर रहे हैं। साल 2023 में केवल 27 हजार लोगों को ही किडनी ट्रांसप्लांट की जा सकी। ऐसे में सुअर की किडनी के साथ जीवन जीना वाकई आशा की किरण लेकर आई है।

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