सार

एचएमपीवी वायरस कोविड-19 जितना संक्रामक नहीं है, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है। जानें संक्रमण के लक्षण, प्रभाव, और बचाव के उपाय।

हेल्थ डेस्क: जब देश और दुनिया में कोविड-19 वायरस ने संक्रमण फैलाया था तो उस समय वायरस के म्यूटेशन को लेकर खूब चर्चा हुई थी। अगर आपको याद हो तो पहले अल्फा वेव आई थी। कोरोना वायरस के म्यूटेशन के कारण डेल्टा वेरिएंट की बात सामने आई और लोगों ने कोरोना की दूसरी लहर का सामना किया। इसके बाद ओमीक्रॉन वेरिएंट की चर्चा हुई। भारत में एचएमपीवी वायरस का संक्रमण फैलने के बाद यही सवाल लोगों के मन को परेशान कर रहा है। ज्यादातर लोगों के मन में सवाल है कि कोविड-19 की तरह क्या एचएमपीवी वायरस भी म्युटेंट होकर तबाही मचाएगा? आईए जानते हैं एचएमपीवी वायरस संक्रामक है या फिर नहीं। 

कितना संक्रामक है एचएमपीवी वायरस?

एचएमपीवी वायरस आमतौर पर बच्चों के साथ ही वयस्कों के श्वसन तंत्र पर संक्रमण फैलता है। एचएमपीवी मध्यम रूप से ही फैलता है। अगर कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता या खांसता है तो सलाइवा की बूंदे वातावरण में पहुंचती है। इस कारण से संपर्क में आने वाला स्वस्थ्य व्यक्ति भी आसानी से संक्रमित हो जाता है। फ्लू और कॉमन कोल्ड की तरह संक्रामक सरफेस को छूने से एचएमपीवी वायरस फैलता है। कोविड-19 वायरस की तरह HMPV वायरस में म्यूटेशन नहीं देखा गया है। साथ ही से महामारी की संभावना भी न के बराबर है।कोविड-19 और एमएमपीवी के लक्षण भले ही एक जैसी दिखें लेकिन इसका ये बिल्कुल मतलब नहीं है कि दोनों समान रूप से संक्रामक हैं। 

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एचएमपीवी वायरस से निमोनिया

भले ही एचएमपीवी वायरस कोविड-19 की तरह म्यूटेशन नहीं करता लेकिन कमजोर प्रतीक्षा प्रणाली वालों के लिए ये बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है। छोटे बच्चों से लेकर बड़ी उम्र तक के बुजुर्गों को एचएमपीवी वायरस से सावधान रहने की जरूरत है। वायरस निमोनिया के लक्षण भी पैदा कर सकता है। अगर आपको किसी भी तरह की संक्रामक बीमारी के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। निमोनिया का समय पर इलाज न करने पर यह गंभीर हो सकती है और जानलेवा भी। 

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