सार

हनुमान जी के सामने चौमुखी दीया जलाने से मनोकाना पूरी होती है और जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है। चौमुखी दीया जलाने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है, नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और शत्रुओं से रक्षा होती है।

हनुमान जी के सामने चौमुखी दीया जलाना एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने, नकारात्मक शक्तियों से रक्षा और जीवन में सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। चौमुखी दीया का अर्थ है ऐसा दीपक जिसमें चार दिशाओं में चार बत्तियाँ (मुख) होती हैं। इसे विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा में शुभ माना जाता है। यह चार दिशाओं से आने वाली ऊर्जा और नकारात्मकता को दूर करता है। चौमुखी  दीया जलाने को लेकर हमने हमारे एस्ट्रो एक्सपर्ट शिवम पाठक से इसके लाभ, जलाने का तरीके के बारे में पूछा है, चलिए इस लेख में इसके बारे में विस्तार से जाते हैं।

चौमुखी दीया जलाने के लाभ:

हनुमान जी की कृपा:

ऐसा माना जाता है कि चौमुखी दीया जलाने से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं और साधक की मनोकामना पूरी करते हैं।

नकारात्मक ऊर्जा का नाश:

यह दीपक चारों दिशाओं में प्रकाश फैलाता है, जिससे नकारात्मक शक्तियां, भूत-प्रेत और दुष्ट आत्माओं का नाश होता है।

शत्रु बाधा से मुक्ति:

चौमुखी दीया जलाने से शत्रुओं से रक्षा होती है और शत्रुओं की योजनाएं विफल होती हैं।

मन की शांति:

इसका नियमित प्रयोग करने से घर या कार्यस्थल में शांति और समृद्धि आती है।

विघ्नों का नाश:

हनुमान जी विघ्नहर्ता हैं, इसलिए उनकी पूजा में चौमुखी दीया जलाने से जीवन में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं।

चौमुखी दीया कैसे जलाएं:

दीपक का चयन:

शुद्ध घी या तिल के तेल का दीया लें। मिट्टी या पीतल का दीया सर्वोत्तम माना जाता है। आप चाहें तो आटे से भी दीया बनाकर दीप जला सकते हैं।

दीया में बत्तियां:

दीया में चार बत्तियां बनाएं, जो चार दिशाओं में मुख करें।

दीपक प्रज्वलित करें:

दीया जलाने से पहले हाथ धोकर शुद्ध हो जाएँ। दीपक को हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सामने रखें और फिर उसे प्रज्वलित करें।

संकल्प करें:

दीया जलाते समय मन में संकल्प करें और हनुमान जी से अपने जीवन की समस्याओं के समाधान की प्रार्थना करें।

घी या तिल का तेल:

हनुमान जी के सामने जलाने के लिए गाय के घी का दीया या तिल के तेल का दीया अधिक शुभ माना जाता है।

दिशा का ध्यान:

दीया को पूर्व दिशा की ओर मुख करके जलाना शुभ माना जाता है। अगर हनुमान जी की मूर्ति दक्षिण मुखी है तो यह और भी प्रभावशाली होता है।

मंत्रों का उच्चारण:

दीया जलाते समय हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या हनुमान जी के अन्य मंत्रों का उच्चारण करें। उदाहरण के लिए, "ॐ हनुमंते नमः" मंत्र का जाप करें।

चौमुखी दीया कब जलाएं:

  • मंगलवार और शनिवार हनुमान जी के विशेष दिन माने जाते हैं, इसलिए इन दिनों चौमुखी दीया जलाना शुभ माना जाता है।
  • सूर्यास्त के बाद संध्या के समय हनुमान जी की पूजा के दौरान दीया जलाना सबसे प्रभावी होता है।
  • अमावस्या और पूर्णिमा की रात को हनुमान जी के सामने चौमुखी दीया जलाने से विशेष लाभ होता है, क्योंकि यह नकारात्मक शक्तियों को दूर करने में सहायक माना जाता है।
  • हनुमान जयंती या किसी अन्य विशेष पर्व के अवसर पर भी चौमुखी दीया जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।

चौमुखी दीया जलाने के समय ध्यान रखें:

  • पूजा स्थान स्वच्छ और पवित्र होना चाहिए।
  • पूजा करने वाले व्यक्ति का मन और शरीर शुद्ध होना चाहिए।
  • दीया जलाते समय पूरे मन से ध्यान और श्रद्धा हनुमान जी पर केंद्रित रखें।
  • एकांत और शांत वातावरण में यह पूजा करना श्रेष्ठ होता है, जिससे साधक की एकाग्रता बनी रहती है।