सार

टॉलियामोरी रिलेशनशिप ट्रेंड में पार्टनर्स एक-दूसरे को चीटिंग की सहमति देते हैं, लेकिन ये मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। जानें क्यों बेवफाई रिश्तों और बच्चों के लिए नुकसानदायक है।

रिलेशनशिप डेस्क:  रिश्ते में वफादारी एक मजबूत कड़ी की तरह होती है। एक पार्टनर दूसरे पार्टनर से धोखे की उम्मीद नहीं रखता है और सालों रिश्ता टिका रहता है। लेकिन आज के समय में रिलेशनशिप का अलग ही ट्रेंड चल रहा है। पार्टनर एक दूसरे से चीट करते हैं और रिलेशनशिप में भी रहते हैं। इस रिश्ते में एक-दूसरे से दोंनों को शिकायत तो रहती है लेकिन कहा-सुनी नहीं। ऐसे रिलेशनशिप को टॉलियामोरी ट्रेंड का नाम दिया गया है, जोकि इन दिनों खूब प्रचलित है। 

खुलेआम रिश्तों में हो रही बेवफाई

पॉडकास्टर और रिलेशनशिप कॉलमिस्ट डैन सैवेज ने टॉलियामोरी रिलेशनशिप के बारे में बताते हुए कहा कि अब पार्टनर्स में नया ट्रेंड चल रहा है। ऐसे रिलेशनशिप में पार्टनर एक-दूसरे को चीटिंग के लिए सहमति देते हैं। फिर इस चीटिंग के लिए खुद को सहनशील भी बना लेते हैं।

नहीं ठीक है बेवफाई बर्दाश्त करना

भले ही रिश्ते बचाने किए कुछ लोग बेवफाई बर्दाश्त कर लेते हैं लेकिन ये ठीक नहीं है।सहनशील होना अच्छी बात है लेकिन कभी-कभी यह आपके भावनात्मक स्वास्थ्य या फिर आत्म सम्मान को दुख पहुंचा सकता है। भले ही पार्टनर की बेवफाई को सहनकर आप अपना घर टूटने से बचा सकते हैं लेकिन ये आपके मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालेगा। जरूरी नहीं टॉलियामोरी ट्रेंड को कोई एक पार्टनर फॉलो कर रहा है। कई बार लोग रिश्तों को जोड़े रखकर भी एक दूसरे से चीट करते हैं।

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क्यों पनप रहे टॉलियामोरी रिलेशनशिप?

रिश्ते में असंतोष, असुरक्षा या फिर नाराजगी का भाव कई बार चीट करने के लिए मजबूर करता है। चाहे कितनी भी स्थिति बुरी हो लेकिन कभी पार्टनर के साथ बेवफाई करके रिश्ता जोड़े रखना गलत है।

बच्चों पर पड़ता है बुरा असर

पति-पत्नी के अच्छे या बुरे रिश्ते का असर सीधा बच्चों पर पड़ता है। अगर माता-पिता एक दूसरे को चीट करते हैं तो बच्चे इसे देखकर गलत अवधारणा में जीते हैं। भविष्य में वो भी चीटिंग को सही मानेंगे और ऐसा ट्रेंड फॉलो कर सकते हैं।

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