सार
आजकल छोटे बच्चे भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने लगे हैं। हैरत तो तब होती है, जब डेढ़ से दो साल के बच्चे भी स्मार्टफोन पर नजरें गड़ाए नजर आते हैं। समझा जा सकता है कि इतनी कम उम्र में स्मार्टफोन पर गेम खेलने या गाने सुनने का कितना बुरा असर उनके दिमाग पर पड़ सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क। आजकल छोटे बच्चे भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने लगे हैं। हैरत तो तब होती है, जब डेढ़ से दो साल के बच्चे भी स्मार्टफोन पर नजरें गड़ाए नजर आते हैं। समझा जा सकता है कि इतनी कम उम्र में स्मार्टफोन पर गेम खेलने या गाने सुनने का कितना बुरा असर उनके दिमाग पर पड़ सकता है। एक बार जब छोटा बच्चा स्मार्टफोन देखने का आदी हो जाता है, तो इसके बिना रह नहीं पाता। अगर फोन उससे लिया जाता है, तो वह रोने-धोने लगता है। लाचार होकर पेरेन्ट्स फिर उसे फोन थमा कर अपने काम में लग जाते हैं। लेकिन इस बात को वे नहीं समझते हैं कि यह बच्चे के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कितना नुकसानदेह हो सकता है। किसी भी स्थिति में छोटे बच्चों को स्मार्टफोन नहीं दें। बच्चा स्मार्टफोन में बिजी हो जाता है तो आपको परेशान नहीं करता, लेकिन आगे चल कर इस वजह से आपकी परेशानी कितनी बढ़ सकती है, इसका अगर आपको अंदाज हो जाए तो किसी भी हाल में छोटे बच्चों को स्मार्टफोन नहीं देंगे। जानें बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखने के कुछ टिप्स।
1. बच्चों की पहुंच से दूर रखें स्मार्टफोन
स्मार्टफोन हमेशा बच्चों की पहुंच से दूर रखें। अगर बच्चों की नजर स्मार्टफोन पर नहीं पड़ेगी तो वे इसके लिए जिद भी नहीं करेंगे। लेकिन अगर बच्चों की पहुंच में फोन होगा तो वे इसे लिए बिना नहीं मानेंगे। छोटे बच्चों में हर नई चीज को लेकर काफी उत्सुकता होती है। बच्चे स्मार्टफोन को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
2. लॉक रखें अपना स्मार्टफोन
अगर बच्चे किसी तरह आपका स्मार्टफोन ले ही लेते हैं तो सबसे बेहतर होगा कि उसे लॉक रखें। फोन लॉक रहने पर बच्चे उस पर कोई एक्टिविटी नहीं कर पाएंगे। अगर वे फोन को खोलने के लिए जिद करें तो उनकी बात को अनसुना कर दें। इसके बाद बच्चे का झुकाव फोन की तरफ से कम होगा।
3. बच्चों को बिजी रखने के लिए फोन मत दें
ऐसे पेरेन्ट्स, खास कर महिलाओं की कमी नहीं है, जो सिर्फ इस वजह से बच्चों को फोन थमा देती हैं कि बच्चे उसमें बिजी रहेंगे और वे आसानी से अपने काम निपटा सकेंगी। यह ठीक है कि स्मार्टफोन पर गेम खेलने या गाने सुनने में लगा बच्चा आपको परेशान नहीं करेगा, लेकिन जब वह इसका एडिक्ट हो जाएगा तो आपकी परेशानी कई गुना बढ़ जाएगी।
4. फोन से बच्चों को पढ़ाएं मत
आजकल स्मार्टफोन में ऐसे कई ऐप आ गए हैं, जिनके जरिए छोटे बच्चों को अल्फाबेट्स की जानकारी देने से काउंटिंग तक सिखाई जाती है। इसके अलावा उसमें बच्चों के लिए कई तरह की पोएम्स और गीत होते हैं, जो बहुत अच्छे लगते हैं। अगर पेरेन्ट्स सोचते हैं कि वे स्मार्टफोन के जरिए अपने छोटे बच्चों को पढ़ा कर उन्हें स्मार्ट बना रहे हैं और खुद भी स्मार्ट बन रहे हैं, तो वे भ्रम में हैं। इसका नुकसान जब तक समझ में आएगा, तब तक देर हो चुकी होगी। बच्चों को पढ़ाने के लिए हमेशा किताबों और स्लेट-पेंसिल का इस्तेमाल करें।
5. दिमाग पर गलत असर डालता है फोन
स्मार्टफोन बच्चे ही नहीं, बड़ों के दिमाग पर भी नेगेटिव असर डालता है। अगर लगातार स्मार्टफोन या किसी गैजेट का इस्तेमाल किया जाए तो सबसे पहले आंखें कमजोर होती हैं। इससे दिमाग पर स्ट्रेस बढ़ता है और नींद नहीं आने की समस्या पैदा होने लगती है। स्मार्टफोन या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के ज्यादा इस्तेमाल से नर्वस सिस्टम पर बहुत बुरा असर पड़ता है। स्मार्टफोन के आदी बच्चे आगे चल कर मानसिक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। ऐसा कई मनोचिकित्सकों और शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है। इसलिए इस खतरे को पहचानें और समय रहते सही कदम उठाएं।