सार

हर साल 9 दिसंबर को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया जाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकना और उसके प्रति लोगों को जागरूक करना है। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं इस दिन के महत्व इतिहास और इस साल की थीम के बारे में।

लाइफस्टाइल डेस्क : भ्रष्टाचार एक ऐसे दीमक की तरह होती है जो पूरे समाज को खोखला कर देती है। इससे देश का विकास धीमा हो जाता है और भ्रष्टाचार के दलदल में लोग फंसते चले जाते हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार को रोकने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 9 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस (international anti corruption day 2022) मनाया जाता है। ऐसे में आइए आज इंटरनेशनल एंटी करप्शन डे पर हम आपको बताते हैं इसका इतिहास महत्व और इस साल की थीम क्या है?

इंटरनेशनल एंटी करप्शन डे थीम 
यह तो हम सभी जानते हैं कि भ्रष्टाचार को खत्म करके दुनिया के विकास की दिशा में बेहतर काम हो सकता है। इसके लिए हम सबको एकजुट होना पड़ेगा। ऐसे में इस साल अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस की थीम भ्रष्टाचार के खिलाफ दुनिया को एकजुट करना है। भ्रष्टाचार के खिलाफ दुनिया को एकजुट करने में राज्यों, सरकारी अधिकारियों, सिविल सेवकों, कानून, प्रवर्तन अधिकारियों, मीडिया प्रतिनिधियों, निजी क्षेत्र, नागरिक, समाज, शिक्षाविदों जनता और युवाओं को समान रूप से भूमिका निभानी है, तभी देश भ्रष्टाचार मुक्त, शांति, सुरक्षा और विकास के पथ पर आगे बढ़ाया जा सकता है।

भ्रष्टाचार विरोध दिवस का इतिहास 
भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सबसे पहला कदम संयुक्त राष्ट्र महासभा में 10 अक्टूबर 2003 को उठाया गया था। जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने और कन्वेंशन की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विधानसभा ने 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार विरोधी दिवस के रूप में इसे नामित किया। इससे लड़ने और इसे रोकने में कन्वेंशन दिसंबर 2005 में प्रभाव में आया।

अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का महत्व
एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल रिश्वत में एक ट्रिलियन डॉलर का भुगतान किया जाता है। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के कारण होने वाले नुकसान का अनुमान आधिकारिक विकास सहायता की राशि का 10 गुना होता है। ऐसे में इसे रोकना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य होना चाहिए। भ्रष्टाचार का मुकाबला करना कठिन हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। अगर कोई पीछे हटने का फैसला करें और भ्रष्टाचार में भाग लेने से इनकार कर दें। घूसखोरी ना दें, ना ले और ना ही किसी को ऐसा करने दें, तो इसे काफी हद तक रोका जा सकता है। भ्रष्टाचार को ना कह कर हम रोजगार के अधिक अवसर पैदा करेंगे, लैंगिक समानता और आवश्यक सेवाओं तक व्यापक पहुंच को सुरक्षित करने में मदद कर सकते हैं। इन सबसे ऊपर हम एक व्यवस्था को सभी के लिए निष्पक्ष बना सकते हैं, इसलिए भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आज ही संकल्प लें।

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