सार

यह अजीबो-गरीब वाकया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पार्क का है। युवक अपनी 6-7 भैंसो को पानी पिलाकर लौट रहा था। इसी दौरान  बाघिन ने उस पर हमला कर दिया। युवक के चेहरे, गर्दन पर बाघिन ने पंजे से हमला बोल उसे जख्मी कर दिया। 

उमरिया (मध्य प्रदेश). अभी तक आपने सुना और देखा होगा कि कहीं किसी भैंसे फंस जाएं तो मालिक उनको निकाल लाता था। लेकिन मध्य प्रदेश के उमरिया जिले से एक हैरतअंगेज कहानी सामने आई है। जहां मालिक को भैंसे मौत के मुंह से बचा लाईं। वह युवक को एक खूखार बाघिन के जबड़े से बचाकर लाई हैं।

मौत के मुंह से मालिक को बचा लाईं भैंसे
दरअसल, यह अजीबो-गरीब वाकया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पार्क का है। जहां कोठिया गांव से लगे पनपथा कोर के जंगल में एक बाघिन ने भी डेरा डाला हुआ है। सोमवार दोपहर एक युवक अपनी 6-7 भैंसो को पानी पिलाकर लौट रहा था। इसी दौरान  बाघिन ने उस पर हमला कर दिया। युवक के चेहरे, गर्दन पर बाघिन ने पंजे से हमला बोल उसे जख्मी कर दिया। उसके शरीर से खून बहने लगा। बाघिन उसे मुंह में दबाकर ले जाने लगी, तभी सामने भैंसे खड़ी हो गईं। सभी भैंसो ने बाघिन को घेर लिया, जिसके बाद बाघिन दुम दबाकर वहां से भाग गई। 

गर्दन और पीठ पर गहरे जख्म के निशान
मामले की सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और युवक को मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया। जहां उसके मुंह में दो टांके लगाए गए। युवक के कंधे पर बाघिन के नाखून के गहरे जख्म के निशान बन गए हैं। जिनको भरने में वक्त लगेगा। हालांकि डॉक्टरों ने जांच कर युवक की स्थिति को ​​​​​खतरे से बाहर बताया है। युवक की पहचान लल्लू यादव तौर पर हुई है।

'मुझे लगा आज में मर ही जाऊंगा..मौत सामने थी'
लल्लू यादव ने बताया कि वह रोजाना की तरह अपनी मवेशियों को चराने के लिए गया था। दोपहर को वह उन्हें पानी पिलाने के बाद वापस अपने घर ला रहा था। इसी दौरान एक बाघिन पहले से झाड़ियों में घात लगाकर बैठी हुई थी। जैसी में वहां से निकला तो उसने पीछे से मुझ पर हमला बोल दिया। मैं जमीन पर गिर गया। इसके बाद बाघिन मेरे ऊपर आ गई और मेरे मुंह पर पंजा मारने लगी। मुझे लगा कि अब मैं नहीं बचूंगा। क्योंकि वह अपने जबड़ो में भरकर ले जाने लगी। तभी सामने मेरी भैंसे चिल्लाते हुए आईं और उन्होंने बाघिन को घेर लिया। जिसके बाद वह मुझे छोड़कर भाग गई। अगर मेरी भैंसे नहीं होती तो आज में जिंदा नहीं बचता।