सार
यह शर्मनाक तस्वीर मध्य प्रदेश के अशोकनगर के जिला अस्पताल की है। एक गरीब महिला अपने पति का इलाज कराने आई थी। लेकिन उसके पास पैसे नहीं थी। वो शाम से अगली सुबह तक मदद के इंतजार में एक पेड़ के नीचे बैठी रही। उसकी गोद में ढाई साल का मासूम था। उसने पति को स्ट्रेचर पर लिटा दिया। लेकिन किसी ने मदद नहीं की। आखिरकार उसकी पति की मौत हो गई।
अशोकनगर, मध्य प्रदेश. यह शर्मनाक तस्वीर मध्य प्रदेश के अशोकनगर के जिला अस्पताल की है। एक गरीब महिला अपने पति का इलाज कराने आई थी। लेकिन उसके पास पैसे नहीं थी। वो शाम से अगली सुबह तक मदद के इंतजार में एक पेड़ के नीचे बैठी रही। उसकी गोद में ढाई साल का मासूम था। उसने पति को स्ट्रेचर पर लिटा दिया। लेकिन किसी ने मदद नहीं की। आखिरकार उसकी पति की मौत हो गई। बताते हैं कि जब वो अस्पताल के काउंटर पर पर्ची बनवाने को पहुंची, तो उससे पैसे मांगे गए। अब अस्पताल प्रबंधन तर्क दे रहा है कि महिला दुबारा उनके पास नहीं पहुंची।
सुबह स्ट्रेचर पर लाश लिए बैठी रही फिर...
शंकर कालोनी की रहने वाली आरती रजक अपने बीमार पति सुनील को लेकर बुधवार शाम करीब 6 बजे जिला अस्पताल पहुंची थी। महिला ने मीडिया के बताया कि उसके पास पैसे नहीं थे, तो काउंटरवाले ने उसे भगा दिया। वो मदद के इंतजार में रातभर जिला अस्पताल के परिसर में लगे पेड़ के नीचे बैठी रही। उसकी गोद में ढाई साल का बच्चा भी था। अगली सुबह यानी गुरुवार को फिर पर्ची बनवाने पहुंची, तब भी उसकी किसी ने बात नहीं सुनी। इलाज के अभाव में उसके पति की मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल के स्टाफ ने उसकी लाश स्ट्रेचर पर रखकर छोड़ दी। इस मामले में अब कलेक्टर ने सिविल सर्जन से जांच रिपोर्ट मांगी है। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. एसके श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि महिला काउंटर पर आई ही नहीं। वो रातभर बाहर बैठी रही। उसके पति को टीबी के अलावा दूसरी अन्य बीमारियां थीं।
मूलत: गुना की रहने वाली आरती ने 2 साल पहले सुनील धाकड़ से प्रेम विवाह किया था। ससुरालवालों ने उसे अपनाने से मना कर दिया था। इसके बाद वो अशोकनगर रहने लगी थी।