सार

71 दिन बाद शिवराज सिंह सरकार का कुनबा बढ़ने जा रहा है। अभी तक शिवराज सिंह 5 पांडवों(मंत्रियों) के बलबूते कोरोना और  उससे खड़े हुए आर्थिक संकट से पार पाने की कोशिश में लगे थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे को मंत्रिमंडल में 'सम्मान' बरकरार रखने लंबा मंथन चला। अब गुरुवार को इस मंथन से अमृत और विष निकलेगा। अमृत किसे मिलेगा और विष किसके हिस्से में आएगा..यह अभी रहस्य है।

भोपाल, मध्य प्रदेश. लंबे विचार-मंथन के बाद आखिरकार शिवराज सिंह चौहान की सरकार का गुरुवार को विस्तार होने जा रहा है। 71 दिन बाद मंत्रिमंडल विस्तार के लिए हरी झंडी मिल सकी। अभी तक शिवराज सिंह चौहान 5 पांडवों (मंत्रियों) के बलबूते कोरोना और उससे खड़े हुए आर्थिक संकट से पार पाने की कोशिश में लगे थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे का मंत्रिमंडल में 'सम्मान' बरकरार रखने लंबा मंथन चल रहा। अब गुरुवार को इस मंथन से अमृत और विष निकलेगा। अमृत किसे मिलेगा और विष किसके हिस्से में आएगा..यह गुरुवार को साफ हो जाएगा। बता दें कि कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद 21 अप्रैल को शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।


यह ट्वीट शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को किया। जब उनसे मीडिया ने सवाल पूछा, तो उन्होंने दार्शनिक अंदाज में जवाब दिया।

 

वरिष्ठों ने फंसाया पेंच...
दरअसल, शिवराज सिंह चौहान अपनी टीम में कुछ पुराने साथियों को लेना चाहते हैं। लेकिन संगठन नये विधायकों को आगे बढ़कर खेलने का मौका देना चाहती है। इसी के चलते पार्टी में तनातनी का माहौल पैदा हो गया। इस बीच उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को फिर से मप्र का प्रभार दिया गया है। बताते हैं कि इस बार शिवराज सिंह की टीम में दो उप मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि ये कौन होंगे..यह स्पष्ट नहीं है। यह फॉर्मूला पार्टी के प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने दिया है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष को लेकर भी असमंजस है। शिवराज सिंह पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को इस कुर्सी पर बैठाना चाहते हैं। लेकिन उनकी संभावना मंत्री बनने की भी है। ऐसी हालत में सीतासरन शर्मा को दुबारा यह पद मिल सकता है।

दो उपमुख्यमंत्री को लेकर कयासों का दौर जारी है। पार्टी ने सिंधिया खेमे से मंत्री बने तुलसी सिलावट के अलावा डॉ. नरोत्तम मिश्रा को उप मुख्यमंत्री बनाने का सुझाव दिया है। नरोत्तम अभी गृह और स्वास्थ्य मंत्री हैं। हालांकि इस पर अभी सहमति नहीं बन सकी है। सिंधिया खेमे के ही बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना, हरदीप डंग और रणवीर जाटव भी मंत्री पद की दौड़ में हैं। वहीं, निर्दलीय प्रदीप जायसवाल और बसपा के संजीव कुशवाह भी मंत्री बनने का सपना पाले हैं।

गौरतलब है कि सिंधिया खेमे के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कमलनाथ को 20 मार्च को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।