सार

 मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं के लिए कुछ नियम भी बनाए हैं, तभी उनको बाबा महाकाल के दर्शन  करने की अनुमति दी जाएगी। जिन व्यक्तियों को कोरोना वैक्सीन का सिंगल या डबल डोज लग चुके हैं, उनको अपना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट दिखाना होगा। इसके अलावा जिनकी 48 घंटे पहले कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 

उज्जैन (मध्य प्रदेश). विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर 80 दिन बाद सोमवार यानि आज से फिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। इसकी सूचना मंदिर समिति ने रविवार को भक्तों को दी थी। सुबह से ही श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचने लगे हैं। एक महिला तो बाबा महाकाल के दर्शन के लिए कनाडा से आई है। हालांकि फिलहाल कुछ दिन तक एक दिन में सिर्फ 3500 श्रद्धालुओं को एंट्री दी जाएगी। वहीं भक्तों को गर्भगृह एवं नंदी हॉल में प्रवेश की अनुमति नहीं है। 

9 अप्रैल से बंद था बाबा महाकाल का दरबार
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रबंध समिति ने इस साल 9 अप्रैल से आम लोगों को बाबा महाकाल के दर्शन के लिए एंट्री बंद कर दी। हालांकि इससे पहले पिछले साल 2020 में भी कोरोना की वजह से मंदिर को बंद किया गया था।

इन नियमों के पालन करने वालों को दी जाएगी एंट्री
बता दें कि मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं के लिए कुछ नियम भी बनाए हैं, तभी उनको बाबा महाकाल के दर्शन  करने की अनुमति दी जाएगी। जिन व्यक्तियों को कोरोना वैक्सीन का सिंगल या डबल डोज लग चुके हैं, उनको अपना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट दिखाना होगा। इसके अलावा जिनकी 48 घंटे पहले कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्हीं लोगों को अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी।

ऑनलाइन बुकिंग पर ही कर सकते हैं प्रवेश
बता दें कि ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से ही महाकाल मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। इसलिए  श्रद्धालुओं महाकालेश्वर मंदिर के मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर जाकर अपनी बुकिंग करानी होगी। मंदिर खुले अभी कुछ ही घंटे हुए हैं कि 2 जुलाई तक की बुकिंग फुल हो चुकी हैं। फिलहाल कुछ दिनों के लिए भक्तों को भस्मआरती और शयन आरती में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

सुबह 6 से रात 8 बजे तक कर सकते हैं दर्शन 
महाकाल मंदिर की प्रबंध समिति के प्रशासक आरके तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बाबा महाकाल का दरबार सोमवार सुबह 6 बजे से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। जो कि अब रोजाना सुबह 6 से रात 8 बजे तक भक्त दर्शन कर सकते हैं। एक दिन में 3 हजार 500 श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए दो-दो घंटे के 7 स्लॉट बनाए गए हैं और एक स्लॉट में सिर्फ 500 लोगों को अनुमति दी जा रही है।