सार
वर्ली में आदित्य को मिल रहे जोरदार कैम्पेन के पीछे यहां से पार्टी के मौजूदा विधायक सुनील शिंदे की मेहनत और काम है। उन्होंने युवासेना चीफ के लिए अपनी सीट छोड़ दी है। पार्टी का ये शिवसैनिक वर्ली विधानसभा में जबरदस्त लोकप्रिय है।
मुंबई: शिवसेना की स्थापना से लेकर अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब स्वर्गीय बाल ठाकरे के परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ रहा है। 2019 के विधानसभा चुनाव में ठाकरे के राजनीतिक वारिस, उद्धव ठाकरे के बेटे और युवा सेना चीफ आदित्य ठाकरे विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में हैं।
ठाकरे परिवार के चश्म-ओ-चिराग के मैदान में आ जाने से न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में जबरदस्त राजनीतिक चर्चा है। आदित्य मुंबई की वर्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका जीतना लगभग तय कहा जा रहा है। क्षेत्र में उन्हें हर वर्ग से जोरदार सपोर्ट भी मिल रहा है। लेकिन वर्ली विधानसभा में ठाकरे के लिए जो माहौल बना है उसके पीछे पार्टी के एक शिवसैनिक का काम है जिसकी बहुत चर्चा नहीं हुई। पार्टी का शिवसैनिक आदित्य का अभियान भी संभाल रहा है।
कौन है आदित्य के कैम्पेन के पीछे
दरअसल, वर्ली में आदित्य को मिल रहे जोरदार कैम्पेन के पीछे यहां से पार्टी के मौजूदा विधायक सुनील शिंदे की मेहनत और काम है। सुनील ने ही युवासेना चीफ के लिए अपनी सीट छोड़ दी है। पार्टी का ये शिवसैनिक वर्ली विधानसभा में जबरदस्त लोकप्रिय है। शिंदे ने यहां जो जमीन तैयार की है वो आदित्य के लिए जबरदस्त तरीके से काम आ रही है। तमाम रिपोर्ट्स में यहां के लोग खुलकर यह स्वीकारते नजर आ रहे हैं कि वो शिंदे और उनके काम की वजह से शिवसेना को ही वोट देंगे।
शिंदे ने वर्ली में लिया था हार का बदला
वर्ली शिवसेना का गढ़ रहा है। मगर 2009 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी उम्मीदवार सचिन अहीर के हाथों शिवसेना के दत्ताजी नलवाड़े को हार का सामना करना पड़ा था। 2014 के चुनाव में सुनील शिंदे ने इस सीट पर पार्टी का परचम फहरा दिया। शिंदे ने एक कॉरपोरेटर के रूप में करियर की शुरुआत की थी।
कैसे लोकप्रिय हुए शिंदे
शिंदे ने यहां स्थानीय लोगों की जमकर मदद की है। वो चाहे लोगों के पारिवारिक झगड़े को निपटाना, आपातकालीन मदद या क्षेत्र की जरूरत के काम हो। शिवसेना नेता हमेशा अपने लोगों के साथ खड़ा रहा है। सुनील स्कूलों में बच्चों के एडमिशन से लेकर अस्पताल में उनके इलाज तक का काम कराते हैं।
बहुजन रिपब्लिक उम्मीदवार से मुकाबला
यही वजह है कि शिवसेना का ये मौजूदा विधायक वर्ली में स्थानीय लोगों के लिए गार्जियन की तरह है। वर्ली विधानसभा सीट पर एनसीपी कांग्रेस गठबंधन ने बहुजन रिपब्लिक सोशलिस्ट पार्टी के सुरेश माने को ठाकरे के खिलाफ उम्मीदवार बनाया है। लेकिन वर्ली में शिवसेना का अभियान सुनील के नेतृत्व और निगरानी में सुरक्षित नजर आ रहा है। देखना यह है कि युवासेना चीफ यहां से कितने मतों की मार्जिन से कामयाबी हासिल कराते हैं।