सार
जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice Uday Umesh Lalit) ने आज देश के 49वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली। ललित क्रिमिनल लॉ में एक्सपर्ट हैं। 13 अगस्त 2014 को ललित को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस नियुक्त किया गया था।
मुंबई/नई दिल्ली. जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice Uday Umesh Lalit) ने आज देश के 49वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रोपद्री मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। यूयू ललित महाराष्ट्र के रहने वाला हैं। उनका जन्म 9 नवंबर, 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था। 1983 में उन्होंने महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल में वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। फिर 1985 में उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की और फिर वो 1986 में दिल्ली आ गए।
क्रिमिनल एक्सपर्ट हैं ललित
जस्टिस ललित क्रिमिनल लॉ में एक्सपर्ट हैं। वह कई अहम मामलों की पैरवी कर चुके हैं। वो सुप्रीम कोर्ट की कानूनी सेवा समिति के सदस्य भी रहे हैं। ललित देश के दूसरे ऐसे चीफ जस्टिस हैं जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले हाई कोर्ट में जज नहीं थे। इससे पहले 1971 में देश के 13वें मुख्य न्यायाधीश एसएम सीकरी सीधे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बने थे।
अयोध्या मुद्दे से खुद को किया था अलग
ललित उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने 2019 में अयोध्या विवाद में सुनवाई करने वाली 5 बेंच के जजों से अपना नाम वापस ले लिया था। उन्होंने ये कहते हुए अपना नाम वापस लिया था कि उन्होंने अयोध्या विवाद में करीब 20 साल तक यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के वकील थे। ऐसे में वो इस बेंच में सुनवाई नहीं कर सकेंगे।
74 दिनों का होगा कार्यकाल
यूयू ललित का कार्यकाल केवल 74 दिनों का होगा। 13 अगस्त 2014 को ललित को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस नियुक्त किया गया था। ललित कई अहम मामलों की सुनवाई कर चुके हैं। ललित आठ नवंबर को अपने पद से रिटायर होंगे।
रमना ने की थी नाम की सिफारिश
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया(CJI) एनवी रमना 26 अगस्त को अपने पद से रिटायर हो गए। एनवी रमना, एसए बोबडे के बाद 24 अप्रैल 2021 को देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश बने थे। रमना ने कानून और न्याय मंत्रालय को अपना उत्तराधिकारी के रूप में यूयू ललित के नाम की सिफारिश की थी।
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