सार
एक महिला ने पाई-पाई पैसा जोड़कर अपनी बहू के लिए सोने-चांदी के जेवर बनवाए। जेवर बहू ने एक फटे-पुराने बैग में रख दिए। सास तब गांव गई थी। जब वो लौटी, तो बैग देखकर लगा कि बेकार होगा। उसने बैग कचरे में फेंक दिया। यह बैग एक सफाई कर्मचारी ने उठाया। गनीमत रही कि उसमें पर्ची रखी हुई थी। सफाई कर्मचारी ने ईमानदारी दिखाते हुए बैग महिला को लौटा दिया।
पुणे, महाराष्ट्र. सोने-चांदी के जेवरों से भरे बैग को देखकर अच्छे-खासों की नीयत बिगड़ जाती है, लेकिन जिनके अंदर ईमान होता है, वे नहीं डिगते। ऐसा ही एक मामला पिंपरी चिंचवड़ में रविवार को सामने आया था। यह अब मीडिया की सुर्खियों में है। यहां कचरे के ढेर से सफाई के दौरान एक सफाईकर्मी को फटा-पुराना बैग मिला। उसने खोलकर देखा, तो उसके होश उड़ गए। बैग में जेवर भरे हुए थे। बैग में ज्वेलर्स की रसीद भी थी। सफाई कर्मचारी ने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए पर्ची पर लिखे पते के जरिये मालिक को बैग लौटा दिया। सोशल मीडिया पर यह सफाई कर्मचारी चर्चा का विषय बना हुआ है।
गलती से फेंक दिया था बैग
रविवार दोपहर पिंपरी चिंचवड़ के मोहसी डंपिंग ग्राउंड पर सफाई चल रही थी। तभी सफाईकर्मचारी हेमंत लखन को यह बैग मिला था। बैग में एक चेन और कुछ अंगूठियां थीं। लखन ने इस बारे में अपने अधिकारियों को बताया। कुछ समय बाद महिला का पता चला, जिसके यह जेवर थे। महिला घबराई हुई वहां पहुंची। उसने बताया कि यह जेवर उसने अपनी बहू के लिए बनवाए हैं। वो कुछ दिन पहले गांव गई थी। बहू ने जेवर इस बैग में रख दिए। जब वो गांव से लौटी, तो बैग बेकार समझकर कचरे में फेंक दिया। अपने जेवर पाकर महिला रो पड़ी। वहीं, सफाई कर्मचारी ने कहा कि गरीबों के लिए जेवर बनवाना आसान नहीं होता।
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