सार

महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव और कैम्पेन चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है। नामांकन करने वाले सभी कैंडिडेट तूफानी जनसम्पर्क शुरू कर चुके हैं। सभी कैंडिडेट चुनाव में अपनी जीत के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। यही वजह है कि कुछ उम्मीदवारों के प्रचार में सेलिब्रिटी भी कैंडिडेट्स के निर्वाचन क्षेत्र में गलियों की खाक छान रहे हैं। छुट्टियों के दिन ज्यादा से ज्यादा जनसम्पर्क पर जोर दिया जा रहा है।

मुंबई. महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव और कैम्पेन चरम पर पहुंचता नजर आ रहा है। नामांकन करने वाले सभी कैंडिडेट तूफानी जनसम्पर्क शुरू कर चुके हैं। सभी कैंडिडेट चुनाव में अपनी जीत के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। यही वजह है कि कुछ उम्मीदवारों के प्रचार में सेलिब्रिटी भी कैंडिडेट्स के निर्वाचन क्षेत्र में गलियों की खाक छान रहे हैं। छुट्टियों के दिन ज्यादा से ज्यादा जनसम्पर्क पर जोर दिया जा रहा है।

शनिवार और रविवार के दिन मुंबई में विधानसभा उम्मीदवार जनसम्पर्क के लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं। मुंबई में माहिम-दादर विधानसभा सीट शिवसेना का गढ़ है। 2009 के अपवाद को छोड़ दें तो यहां से लगातार पार्टी के उम्मीदवार चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस मराठी बहुल निर्वाचन क्षेत्र में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) भी काफी ताकतवर है।

इसी निर्वाचन क्षेत्र में है राज ठाकरे का घर

शिवसेना भवन और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे का निवास कृष्णकुंज भी इसी निर्वाचन क्षेत्र में है। इस सीट से मनसे ने संदीप देशपांडे को अपना उम्मीदवार बनाया है। संदीप देशपांडे के प्रचार के लिए बड़े पैमाने पर मराठी कलाकार भी शामिल हो रहे हैं। मराठी एक्ट्रेस स्मिता तांबे, कोरियोग्राफर फुलवा खामकर कैंडिडेट का प्रचार कर रहे हैं।

ख़ास बात यह भी है कि मराठी बिग बॉस के विजेता शिव ठाकरे भी संदीप के लिए माहिम में गलियों की खाक छानते दिख रहे हैं। शिव ठाकरे लोगों से मराठी मानुस के मुद्दे पर अपने कैंडिडेट को जिताने की अपील कर रहे हैं। इस सीट पर शिवसेना ने सदा सरवणकर को उम्मीदवार बनाया है।

यहां जीत चुका है मनसे कैंडिडेट

2009 के विधानसभा चुनाव में मनसे के नितीन सरदेसाई ने शिवसेना के आदेश बांदेकर को हरा दिया था। उस चुनाव में कांग्रेस की ओर से सदा सरवणकर भी लड़े थे। कांग्रेस उम्मीदवार को काफी मत मिले थे। बाद में सदा सरवणकर शिवसेना में वापस चले आए। 2014 के विधानसभा चुनाव में सदा सरवणकर ने मनसे उम्मीदवार नितीन सरदेसाई को हराकर एक बार फिर पार्टी का झंडा लहरा दिया।