सार

सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस को लेकर मुंबई पुलिस को सोशल मीडिया पर खासी बदनाम झेलनी पड़ी। लोगों ने झूठे और भ्रामक तथ्यों के साथ मामले को यूं पेश किया, जैसे मुंबई पुलिस खुद अपराधी हो। इसी को देखते हुए अब मुंबई पुलिस काफी सख्त हुई है। उसने ऐसे ही मामलों में कई सोशल मीडिया धारकों पर एफआईआर दर्ज की हैं।
 

मुंबई. सोशल मीडिया को गलत तरीके से इस्तेमाल करने के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। हाथरस गैंग रेप के बाद जातीय हिंसा फैलाने के मकसद से सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया गया। इस संबंध में यूपी पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगी संगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI)से जुड़े पत्रकार सिद्दीक कप्पन गिरफ्तार किया है। उधर, सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में भी लगातार ऐसा ही होता रहा। इन मामलों को अब पुलिस गंभीरता से ले रही है। मुंबई पुलिस ने सोशल मीडिया पर उसकी छवि खराब करने वालों पर नकेल कसना शुरू कर दी है।


पुलिस ने दर्ज कीं एफआईआर...
मुंबई पुलिस साइबर सेल की डीसीपी रश्मि करंदीकर ने बताया कि सोशल मीडिया पर मुंबई पुलिस को बदनाम करने और अपमानजनक भाषा का उपयोग करने के मामले में 2 FIR दर्ज की हैं। इससे पहले मुंबई पुलिस आयुक्‍त परमबीर सिंह दो टूक कह चुके हैं कि साइबर सेल ऐसे लोगों के अकाउंट पर नजर रखे हुए है, जो भ्रामक और झूठी खबरें फैलाते हैं। इसी मामले को लेकर कुछ रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस पर 8 अक्टूबर को सुनवाई होगी।