सार

पालघर में 16 अप्रैल को 2 साधुओं सहित 3 की हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि औरंगाबाद में एक अन्य साधु पर चाकू से जानलेवा हमले का मामला सामने आया है। घटना बुधवार रात को लाडसावंगी मार्ग स्थित प्रियशरण महाराज के आश्रम में हुई। 7-8 लोगों ने प्रियशरण महाराज पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। वे आश्रम के दरवाजे की कुंडी तोड़कर घुसे थे। मामला अब मीडिया की सुर्खियों में आया है।

औरंगाबाद, महाराष्ट्र. पालघर में 16 अप्रैल को भीड़ ने दो साधुओं सहित 3 की हत्या कर दी थी। लोग अभी इस घटना को भूले भी नहीं थे कि औरंगाबाद में एक और साधु पर चाकू से जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है। घटना बुधवार रात को लाडसावंगी मार्ग स्थित प्रियशरण महाराज के आश्रम में हुई। 7-8 लोगों ने प्रियशरण महाराज पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। वे आश्रम के दरवाजे की कुंडी तोड़कर घुसे थे। मामला अब मीडिया की सुर्खियों में आया है। मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस हमलावरों की तलाश में जगह-जगह छापामार कार्रवाई कर रही है। फूलंबरी पुलिस थाने में FIR दर्ज कराई गई है। हमलावरों ने आश्रम में किसी चीज को हाथ तक नहीं लगाया। इसलिए पुलिस के लिए यह कहना मुश्किल है कि हमलावर चोर या डकैत थे या सिर्फ साधु को मारने आए थे।

राजस्थान के मूलनिवासी हैं प्रियाशरण महाराज...
पुलिस के अनुसार प्रियाशरण महाराज मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। वे पिछले कुछ सालों से यहां आश्रम बनाकर रह रहे थे। वे यहां गो-सेवा आश्रम भी संचालित करते हैं। उनके आश्रम में कई सेवक और सेविकाएं रहती हैं। आश्रम के पास एक खेत है। वहां उनके अनुयायी निवास करते हैं। हमलावरों ने आश्रम में घुसते ही एक सेविका को धमकी दी। फिर महाराज के बारे में पूछताछ करते हुए उसके साथ मारपीट की। महाराज को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पालघर में दो साधुओं सहित 3 की हुई थी हत्या
इससे पहले 16 अप्रैल को पालघर के गड़चिनचले गांव में करीब 200 से ज्यादा की भीड़ ने जूना अखाड़े के दो साधु महंत सुशील गिरी महाराजा(35), महंत चिकने महाराज उर्फ कल्पवृक्ष गिरी (65) और उनके ड्राइवर निलेश तेलगड़े (30) को पीट-पीटकर मार डाला था। ये लोग मुंबई से सूरत में अपने साथी के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। भीड़ ने उन्हें कथित तौर पर चोर समझकर मारा था। उस समय लॉकडाउन चल रहा था।