सार


सरकारी विभाग के अधिकारियों ने एक महिला को कागजों में जिंदा रहते हुए मृत घोषित कर दिया। अब आलम ये है कि बुजुर्ग महिला पिछले तीन साल से अपने आप को जिंदा बताने के लिए विभागों के चक्कर काट रही है। 

सतना (मध्य प्रदेश). सरकारी योजनाओं में गोलमाल, धोखाधड़ी और भ्रष्टचार की खबरें तो आए दिन सामने आती ही रहती हैं। लेकिन सरकारी विभाग का एक ऐसा लापरवाही का मामला आया है, जिसने सबको हैरान कर दिया है। सरकारी विभाग ने एक 66 साल की बुजुर्ग महिला को कागजों में मृत घोषित कर दिया। अब आलम यह है कि महिला तीन साल से अपने आप को जिंदा बताने के लिए विभागों चक्कर काट रही है।

सरकारी रिकॉर्ड में तीन साल पहले ही मार दिया
दरअसल, विभाग की लापरवाही का यह मामला मध्य प्रदेश के सतना ज़िले की ग्राम पंचायत करहीकला देखने को मिला है। जहां तिरसिया नाम की वृद्ध महिला को  'प्रधानमंत्री आवास योजना' से हटाकर उसको मृत घोषित कर दिया। सरकारी रिकॉर्ड में उसको 3 साल पहले ही मृत घोषित कर दिया गया है। बुजुर्ग पिछले तीन साल से कई विभागों के चक्कर काट चुकी है, लेकिन कोई अधिकारी उसकी नहीं सुन रहा है। पीड़िता बार-बार सरकारी ऑफिसों में जाकर अपने आपको कहती हैं मैं जिंदा हूं।

खुद को ज़िंदा बताने का कर रही है संघर्ष 
अधिकारियों की एक गलती की वजह से बुजुर्ग महिला की पेंशन तक आना बंद हो गई। कई विभागों में उसको मरा बता दिया गया है। आलम ये कि उसको किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब वह अपना जीवनयापन तक नहीं कर पा रही है। उसको मिलने वाला राशन भी नहीं मिल पा रहा है। अब तो यह हालत हो गई कि उसकी दाल-रोटी की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है। लेकिन इसके बावजूद भी वह खुद को ज़िंदा बताने का संघर्ष कर रही है।