सार
सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को मुंबई पुलिस ने शनिवार शाम को गिरफ्तार किया था। दोनों को छह मई तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। 29 अप्रैल को जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
मुंबई : महाराष्ट्र (Maharashtra) में हनुमान चालीसा विवाद में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजी गई अमरावती सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (Om Birla) को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि मुझे 23 अप्रैल 2022 को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया। वहां मुझे दलित होने की सजा मिली। मैं पूरी रात बिना पानी के ही रही। उन्होंने आगे लिखा कि मैं रातभर पुलिसवालों से पानी मांगती रही लेकिन उन्होंने नहीं दिया। मुझे तब बहुत हैरानी हुई जब एक पुलिसकर्मी ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति से हूं, इसलिए मुझे ग्लास में पानी नहीं देंगे।
दलित होने की सजा मिली- नवनीत राणा
नवनीत राणा ने पत्र में आगे लिखा है कि उनकी जाति को लेकर उन्हें थाने में गाली दी गई। पानी बुनियादी चीज है लेकिन वह भी नहीं दिया गया। उन्होंने आगे लिखा, मेरा विश्वास है कि राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना अपने हिंदुत्व सिद्धांतों से भटक गई। शिवसेना के इसी हिंदुत्व को जगाने मैं मुख्यमंत्री के आवास पर हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए जाने वाली थी। मेरा किसी भी धार्मिक विवाद को भड़काने का कोई उद्देश्य नहीं था।
मैं और मेरे पति घर में थे
नवनीत राणा ने कहा कि मैंने सीएम को भी हनुमान चालीसा के पाठ करने के लिए आमंत्रित किया था। उनके खिलाफ हमारी गतिविइधि नहीं थी। लेकिन जब हमें लगा कि इससे कानून-व्यवस्था को परेशानी हो सकती है तो हमने इस फैसला वापस ले लिया और मैं और मेरे पति ने हनुमान चालीसा पढ़ने की जिद छोड़ दी और अपने घर में ही थी। तभी शिवसैनिक वहां पहुंच गए और हंगामा करने लगे।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, लाउड स्पीकर विवाद के बाद सांसद नवनीत राणा ने ऐलान किया था कि वह मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगी। इसके लिए शनिवार सुबह नौ बजे का वक्त दिया गया था। बाद में उन्होंने अपना यह फैसला बदल दिया। इस बीच शनिवार को बड़ी संख्या में शिवसैनिक उनके खार स्थित उनके घर के बाहर पहुंच गए। इसके बाद शाम होते-होते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
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