सार
किरीट सौमैया ने महाराष्ट सरकार (Udhav Thackeray Government)पर आरोप लगाया है कि सौ करोड़ का टेंडर एक चायवाले के फर्म को दे दिया गया है। यह फर्म ब्लैकलिस्टेड है और चायवाला व्यक्ति इस फर्म का सबसे बड़ा पार्टनर है।
मुंबई। बीजेपी के सीनियर लीडर (BJP Leader) व पूर्व एमपी किरीट सौमैय्या (Kirit Somaiya) ने महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government)पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया है। सौमैय्या ने उद्धव सरकार पर एक चायवाले को 100 करोड़ के कोविड सेंटर्स का कांट्रैक्ट दिए जाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि ठाकरे सरकार ने ऐसी कंपनी को कांट्रैक्ट (Covid centres tender to chai wala company) दिया है जो ब्लैकलिस्टेड भी है। लेकिन रसूख और सरकार में पहचाने के बल पर यह ठेका एलॉट कर दिया गया है।
क्या आरोप लगाया किरीट सौमैया ने?
किरीट सौमैया ने महाराष्ट सरकार (Udhav Thackeray Government)पर आरोप लगाया है कि सौ करोड़ का टेंडर एक चायवाले के फर्म को दे दिया गया है। यह फर्म ब्लैकलिस्टेड है और चायवाला व्यक्ति इस फर्म का सबसे बड़ा पार्टनर है। यह टेंडर उसे सरकार के सहयोग से मिला है। किरीट सौमैया ने बताया कि लाइफलाइन हास्पिटल मैनेजेमेंट सर्विसेस (Lifeline Hospital Management services)को उद्धव सरकार ने टेंडर दिया है। 100 करोड़ रुपये के इस टेंडर को उस कंपनी को एलॉट किया गया है जो ब्लैकलिस्टेड है। इस कंपनी का मेजर पार्टनर एक चायवाला है।
कौन है चायवाला?
किरीट सौमैया ने बताया कि लाइफलाइन हास्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेस का मेजर पार्टनर राजीव सालुंके (Rajiv Salunkhe) है। राजीव सालुंके, सायदरी रिफ्रेशमेंट (Sahyadri Refreshments) का मालिक है।
क्यों दिया गया है राजीव सालुंके को टेंडर?
बीजेपी नेता किरीट सौमैया ने आरोप लगाया है कि चायवाले राजीव सालुंके को सिर्फ इसलिए यह टेंडर दिया गया है क्योंकि उसके पार्टनर संजय राउत हैं। संजय राउत (Sanjay Raut) शिवसेना के कद्दावर नेता हैं। उनके कहने पर राज्य सरकार द्वारा यह टेंडर मैनेज कराया गया है। बीजेपी नेता किरीट सौमैया ने कहा कि संजय राउत के माध्यम से यह सभी टेंडर मैनेज हुए हैं। एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ठेका देना सरकार का भ्रष्टाचार वाला चेहरा उजागर होता है। कोविड जैसे संवेदनशील मामले में भ्रष्टाचार पर जनता जवाबदेही तय करेगी।
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